लाभ का पद मामले में 'आप' के 11 विधायक अयोग्य नहीं, राष्ट्रपति कोविंद ने की मांग खारिज

By भाषा | Published: November 6, 2019 02:40 AM2019-11-06T02:40:48+5:302019-11-06T02:40:48+5:30

मार्च, 2017 में विवेक गर्ग नामक एक व्यक्ति ने राष्ट्रपति के समक्ष याचिका देकर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत समेत आप के 11 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की थी।

Ram Nath Kovind rejects disqualification of 11 AAP MLAs in case of profit post | लाभ का पद मामले में 'आप' के 11 विधायक अयोग्य नहीं, राष्ट्रपति कोविंद ने की मांग खारिज

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद। (फाइल फोटो)

Highlightsचुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रपति का 28 अक्टूबर का फैसला उसके (आयोग) द्वारा दी गयी राय पर आधारित है।इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘सत्यमेव जयते।आखिरकार, सत्य की जीत हुई।’’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी (आप) के 11 विधायकों के कथित रूप से लाभ के पद पर रहने को लेकर उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली एक याचिका खारिज कर दी है। इसे आप के लिए राहत माना जा रहा है।

चुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रपति का 28 अक्टूबर का फैसला उसके (आयोग) द्वारा दी गयी राय पर आधारित है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘सत्यमेव जयते।आखिरकार, सत्य की जीत हुई।’’

मार्च, 2017 में विवेक गर्ग नामक एक व्यक्ति ने राष्ट्रपति के समक्ष याचिका देकर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत समेत आप के 11 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की थी।

उनका दावा था कि दिल्ली के ग्यारह जिलों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों का सह अध्यक्ष होने के नाते ये सभी विधायक लाभ के पद पर आसीन हैं। यह मुद्दा चुनाव आयोग के पास भेजा गया जिसने अगस्त में राय दी कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सह अध्यक्ष होने से वे विधायक के रूप में अयोग्य नहीं हो जाते क्योंकि उन्हें वेतन, भत्ते, फीस आदि के रूप में पारिश्रमिक नहीं मिलते। उसके अलावा उन्हें स्टाफ कार, कार्यालय का स्थान, कर्मचारी, टेलीफेान या निवास भी नहीं दिये गये हैं।

कानून के मुताबिक राष्ट्रपति लाभ के पद के मामलों में चुनाव आयोग की राय स्वीकार करते हैं। आयोग ने कहा कि दिल्ली विधानसभा सदस्य (अयोग्य पाये जाने पर सदस्यता से वंचित) अधिनियम, 1997 दिल्ली सरकार द्वारा गठित सांविधिक या गैर सांविधिक निकाय के अध्यक्ष, निदेशक या सदस्य के पद को छूट प्रदान करता है बशर्ते उक्त अध्यक्ष, निदेशक या सदस्य किसी पारिश्रमिक का हकदार न हो।

याचिकाकर्ता ने विधायकों- संजीव झा (बुराड़ी), नितिन त्यागी (लक्ष्मी नगर), प्रवीण कुमार (जंगपुरा), पवन कुमार शर्मा (आदर्श नगर), श्रीदत्त शर्मा (घोंडा), राजेश गुप्ता (वजीरपुर), सरिता सिंह (रोहताश नगर), दिनेश मोहनिया (संगम विहार), अमानतुल्ला खान (ओखला), कैलाश गहलोत (नजफगढ़) और जरनैल सिंह (तिलक नगर) को अयोग्य ठहराने की मांग की थी।

Web Title: Ram Nath Kovind rejects disqualification of 11 AAP MLAs in case of profit post

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