जम्मू-कश्मीर के 14 वर्षीय इरफान को राष्ट्रपति ने दिया शौर्य चक्र, जानें कैसे आतंकियों से अपने परिवार को बचाया?
By पल्लवी कुमारी | Published: March 19, 2019 01:26 PM2019-03-19T13:26:21+5:302019-03-19T13:26:21+5:30
जम्मू-कश्मीर के रहने वाले इरफान खान ने साल 2017 में अपने घर पर तीन आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले को नाकाम किया था और अपने परिवार को सुरक्षित बचाया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार( 19 मार्च) को कई जवानों और उनके परिवारों को शौर्य चक्र के सम्मान से नवाजा। इसी में जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक 14 साल के का लड़का इरफान रमजान शेख को भी शौर्य चक्र से नवाजा गया। इरफान रमजान शेख को आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी से लड़ने के लिए ये सम्मान दिया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इरफान ने साल 2017 में 14 साल की उम्र में उसके घर पर तीन आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले को नाकाम किया था और अपने परिवार को सुरक्षित बचाया था।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने जो वीडियो शेयर की है, उसमें जो कहानी बताई जा रही है, उसके मुताबिक, 16-17 अक्टूबर 2017 को आतंकवादियों ने राजनीतिक कार्यकर्ता रमजान शेख के घर को चारों ओर से घेर लिया था। जब आतंकवादियों ने दरवाजा खटखटाया तो इरफान रमजान शेख ने दरवाजा खोला। उसके बाद उसने देखा कि उसके घर के बरामदे में एके-47 और कई हथियार रखे हुए थे, इसके साथ ही तीन आतंकवादी भी खड़े थे। इसी बीच इरफान खान ने अपने उच्च साहस को दिखाते हुए आतंकियों को अपने घर में नहीं घुसने दिया।
#WATCH President Ram Nath Kovind confers Shaurya Chakra award upon Irfan Ramzan Sheikh of Jammu & Kashmir, for foiling an attack by three terrorists on his house in 2017 when he was 14 years old. pic.twitter.com/on45WKguLX
— ANI (@ANI) March 19, 2019
इसी बीच जब शेख के पिता बाहर निकले तो आतंकवादी उनके पिता पर टूट पड़े। लेकिन शेख ने अपनी परवाह किए बिना आतंकवादियों से लोहा लिया। इस बीच आतंकवादियों के अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें इरफान के पिता घायल हो गए लेकिन फिर भी इरफान ने हार नहीं मानी और उस आतंकी से भिड़ गए जिसने पिता पर गोली चलाई थी और उसे बूरी तरह से घायल हो गई थी। जब आतंकियों ने वहां से भागने की कोशिश की तो आपने उनका पीछा किया और फिर आतंकी अपने साथी आतंकवादी के शव को छोड़कर भाग गए। इस तरह इरफान ने छोटी सी उम्र में अपने साहस का परिचय दिया।
President Kovind presents Shaurya Chakra to Irfan Ramzan Sheikh. He exhibited courage and maturity and fought off militants, safeguarding the life of his father and other family members in Jammu & Kashmir pic.twitter.com/FVnWkOaOja
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 19, 2019
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके अलावा वीरता और अदम्य साहस का प्रदर्शन करने के लिए सशस्त्र बलों के कर्मियों को भी शौर्य च्रक से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति कोविंद ने राइफलमैन जयप्रकाश उरांव (मरणोपरांत) बाद कीर्ति चक्र प्रदान किया है। ये असम राइफल्स के चौथी बटालियन के जवान थे। मणिपुर में एक ऑपरेशन के दौरान, गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, उन्होंने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया और दो आतंकवादियों को खत्म कर दिया और दो और को घायल कर दिया था।
President Kovind presents Kirti Chakra to Rifleman Jaiprakash Oraon (Posthumous), 4th Battalion, Assam Rifles. During an operation in Manipur, despite being grievously injured, he displayed extraordinary courage and eliminated two terrorists and injured two more pic.twitter.com/V7Gpz5y170
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 19, 2019
राष्ट्रपति कोविंद ने शौर्य चक्र से सिपाही अजय कुमार (मरणोपरांत) को सम्मानित किया। ये मशीनीकृत इन्फैंट्री, 42 वीं बटालियन, राष्ट्रीय राइफल्स के जवान थे। उन्होंने एक आतंकवादी को बेअसर करने और अपनी टीम की सुरक्षा के लिए साहस, असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया और राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था।
President Kovind presents Shaurya Chakra to Sepoy Ajay Kumar (Posthumous), Mechanised Infantry, 42nd Battalion, Rashtriya Rifles. He displayed courage, exceptional valour to neutralise a terrorist and safeguard his team and made the supreme sacrifice for the nation pic.twitter.com/Eh0fGmy3s0
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 19, 2019
सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट कुलदीप सिंह चाहर, मेजर पवन कुमार, राइफलमैन राठवा लिलेश भाई, नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया, सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट जिले सिंह, हवलदार जावेद अहमद भट, हवलदार कुल बहादुर थापा, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्जुन शर्मा, कैप्टन अभय शर्मा, मेजर इमलियाकुम कित्जर, मेजर रोहित लिंगवाल और लेफ्टिनेंट कर्नल विक्रांत पराशर को पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर में सैन्य अभियानों के दौरान बहादुरी दिखाने के लिए शौर्य चक्र प्रदान किया गया। कोविन्द ने तीनों सैन्य बलों के 13 वरिष्ठ अधिकारियों को परम विशिष्ट सेवा पदक भी प्रदान किए । कोविन्द ने तीनों सैन्य बलों के 13 वरिष्ठ अधिकारियों को परम विशिष्ट सेवा पदक भी प्रदान किए ।