होइहि सोइ जो राम रचि राखाः राजकाज में बेइमानी चलेगी, रामकाज में नहीं?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 4, 2020 04:16 PM2020-08-04T16:16:03+5:302020-08-04T16:16:03+5:30

मुहूर्त 32 सेंकेड का है जो मध्याह 12 बजकर 44 मिनट आठ सेकेंड से लेकर 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकेंड के बीच है. शुभ मुहूर्त का सीधा मतलब है- कार्य विशेष के लिए सही समय. यही वजह है कि अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग शुभ मुहूर्त होते हैं.

Ram Mandir Bhoomi Poojan uttar pradesh ayodhya pm narendra modi yogi adityanath 3 hours schedule | होइहि सोइ जो राम रचि राखाः राजकाज में बेइमानी चलेगी, रामकाज में नहीं?

बुधवार को अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल का काफी समय ओवरलैप हो जाता है, जिसके कारण बुधवार को अभिजीत मुहूर्त से बचा जाता है.

Highlightsहर समय पर अलग-अलग देवताओं, ग्रह-नक्षत्रों आदि का विशेष प्रभाव होता है और उसी के सापेक्ष शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं. सूक्ष्म गणना आसान नहीं है. रावण की मृत्यु के समय इसी काल-गणना का ज्ञान लेने लक्ष्मण उनके पास गए थे.राहुकाल में सभी कार्य वर्जित हैं. राहु से संबंधित कार्य- राजनीति, रहस्यमयी कार्य, राहु पूजा-प्रयोग आदि कार्य के लिए यह समय उपयुक्त होता है.

जयपुरः जब से श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के समाचार आए हैं, तब से ही शुभ मुहूर्त को लेकर विवाद जारी हैं. खबर है कि तीन दिवसीय भूमि पूजन का अनुष्ठान सोमवार से शुरू हो गया है.

मुख्य पूजन पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निर्धारित शुभ मुहूर्त में करेंगे. यह मुहूर्त 32 सेंकेड का है जो मध्याह 12 बजकर 44 मिनट आठ सेकेंड से लेकर 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकेंड के बीच है. शुभ मुहूर्त का सीधा मतलब है- कार्य विशेष के लिए सही समय. यही वजह है कि अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग शुभ मुहूर्त होते हैं.

हर समय पर अलग-अलग देवताओं, ग्रह-नक्षत्रों आदि का विशेष प्रभाव होता है और उसी के सापेक्ष शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं. शुभ मुहूर्त की गणना में तिथि, पक्ष, माह, लग्न, वार, क्षण जैसे अनेक स्वीकार्य-अस्वीकार्य तथ्य होते हैं, लेकिन इतनी सूक्ष्म गणना आसान नहीं है. रावण की मृत्यु के समय इसी काल-गणना का ज्ञान लेने लक्ष्मण उनके पास गए थे.

शुभ मुहूर्त के अभाव में अभिजीत मुहूर्त जैसा मान्य समय भी होता है, तो राहुकाल जैसा अमान्य समय भी होता है. अभिजीत नक्षत्र के स्वामी गुरु ब्रह्मा हैं, तो राहुकाल के प्रभावी ग्रह राहु हैं. ऐसा नहीं है कि राहुकाल में सभी कार्य वर्जित हैं. राहु से संबंधित कार्य- राजनीति, रहस्यमयी कार्य, राहु पूजा-प्रयोग आदि कार्य के लिए यह समय उपयुक्त होता है.

अयोध्या में बनने जा रहे श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को हो रहा, लेकिन 5 अगस्त 2020 को करीब 27 मिनट का समय अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल के ओवरलैप का है. प्रतिदिन अभिजीत मुहूर्त को उत्तम मुहूर्त माना जाता है, परन्तु बुधवार को अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल का काफी समय ओवरलैप हो जाता है, जिसके कारण बुधवार को अभिजीत मुहूर्त से बचा जाता है.

बुधवार, 5 अगस्त 2020 को दिन में अयोध्या में 11.40 से 12.34 बजे तक अभिजीत मुहूर्त का समय है, तो 12.07 से 1.47 बजे तक का समय राहुकाल का है, लिहाजा उस दिन अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल के बीच 27 मिनट का समय ओवरलैप का है, मतलब- अयोध्या में अभिजीत मुहूर्त का उपयोगी समय 11.40 से 12.07 बजे तक का ही है.

इसका मतलब यह भी है कि यदि 11.40 से 12.07 बजे के बीच भूमि पूजन होता है तो वह अभिजीत मुहूर्त होगा, यदि 12.07 से 12.34 बजे के बीच पूजन होगा तो वह ओवरलैप का समय होगा, जबकि 12.34 से 1.47 बजे तक का पूजन राहुकाल में होगा.

याद रहे, हर अच्छे-खराब उद्देश्य से ऊपर है- होइहि सोइ जो राम रचि राखा, लिहाजा राजकाज में बेइमानी चलेगी, रामकाज में नहीं, यदि अच्छे उद्देश्य से भूमि पूजन किया जा रहा है, तो हर समय, हर मुहूर्त श्रेष्ठ है और गलत उद्देश्य से किया जा रहा है तो कोई शुभ मुहूर्त भी काम नहीं आएगा!  

Web Title: Ram Mandir Bhoomi Poojan uttar pradesh ayodhya pm narendra modi yogi adityanath 3 hours schedule

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