अयोध्या विवाद: हिंदू-मुस्लिम पक्ष के वकीलों के बीच हुई तीखी बहस, पढ़िए क्या दी गईं आखिरी दलीलें
By आदित्य द्विवेदी | Published: October 16, 2019 04:31 PM2019-10-16T16:31:20+5:302019-10-16T16:34:21+5:30
सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई है। सीजेआई रंजन गोगोई ने स्पष्ट कर दिया था कि शाम पांच बजे तक हर हाल में सुनवाई पूरी कर ली जाए। पढ़िए विभिन्न पक्षों ने क्या दलीलें दी...
अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (16 अक्टूबर) को आखिरकार सुनवाई पूरी हो गई। यह सुनवाई 40 दिनों तक चली और इस दौरान सभी पक्षों की ओर से कई दलीलें रखी गईं। सुनवाई के आखिरी दिन कोर्ट में हालांकि काफी तीखी बहस भी देखने को मिली। वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन के एक किताब में छपे राम मंदिर का नक्शा फाड़ने की बात सबसे ज्यादा चर्चित रही। सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई शाम 5 बजे तक होनी थी लेकिन तय समय से पहले शाम करीब 4 बजे ही सुनवाई पूरी हो गई। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। माना जा रहा है कि अगले महीने इस केस में कोई फैसला आ सकता है।
हिंदू पक्ष के वकील सीएम वैद्यनाथन की दलीलें
- विवादित स्थल पर हर जुमे को मुस्लिमों के नमाज पढ़ने का प्रमाण 1857 से 1934 तक मिलता है। लेकिन इसके बाद का कोई प्रमाण नहीं है। हालांकि हिंदुओं ने वहां लगातार पूजा की है। इस बात के भी प्रमाण नहीं हैं कि मुस्लिम पक्षकार मालिकाना हक रखते हैं।
- इस बात के भी प्रमाण नहीं हैं कि खाली जमीन पर मस्जिद बनाकर उसे वक्फ बोर्ड को दे दिया गया। इस मामले में मुस्लिम पक्ष अपने मालिकाना हक को साबित नहीं कर सके हैं।
- मुस्लिम पक्षकार राम चबूतरे को भगवान राम का जन्मस्थान मानते हैं। जबकि भक्त हमेशा मेन गुंबद के नीचे पूजा करते रहे थे। बाद में तमाम प्रतिबंध लगाकर वहां पूजा रोक दी गई।
निर्वाणी अखाड़े के वकील जयदीप गुप्ता की दलीलें
- विवादित स्थल के पुजारी स्वर्गीय बाबा अभिराम दास थे। अब उनके शिष्य धर्मदास के पास शेबियत (देवता की देखरेख और प्रबंधन) का अधिकार है। निर्मोही अखाड़े के शेबियत अधिकार का दावा बेबुनियाद है।
हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह की दलीलें
- हम रिटायर आईपीएस किशोर कुणाल की लिखी किताब 'Ayodhya Revisit' कोर्ट के सामने रखना चाहते हैं। इसक किताब के अध्याय 24 में लिखा है कि जन्मस्थान के वायु कोण में रसोई थी, दक्षिणी भाग में कुआँ था। जन्मस्थान ठीक बीच में था।
- देवता हटा लिए जाएं फिर भी जन्मस्थान हिंदुओं के लिए पवित्र स्थल है। मस्जिद बनाने के बाद भी वहां हिंदू लगातार पूजा करते थे। रिलिंग बनन के बाद 20 मीटर से दूरी से भी पूजा होती थी।
- हिंदू महासभा के वकील की दलीलों के वक्त मुस्लिम पक्ष के वकील ने किताब का नक्शा फाड़ दिया जिसके बाद चीफ जस्टिस नाराज हो गए।
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की दलीलें
- शेबियत अधिकार पर धवन ने कहा कि धरम दास सिर्फ पुजारी थे। धवन ने कहा कि महासभा आपस में ही बंटी हुई है।
- राजीव धवन ने कहा कि पूजा के अधिकार में कोई उत्तराधिकारी नहीं होता। यह एक व्यक्तिगत अधिकार है।
- कोर्ट में पेज फाड़ने की घटना वायरल हो रही है जबकि सच्चाई ये है कि मैं पेज को फेकना चाहता था और सीजेआई ने कहा कि मैं इसे फाड़ सकता हूं। और मैंने उसे फाड़ दिया। इसलिए कह सकता हूं कि यह मैंने कोर्ट की अनुमति से किया।
- हिंदू पक्ष के पास मंदिर का कोई सबूत नहीं है। मस्जिद के लिए ग्रांट और लगान माफी के सबूत हैं। हिंदू पक्ष के पास मालिकाना हक का सबूत नहीं है।
- जस्टिस चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन से पूछा कि ग्रांट से आपके मालिकाना हक की पुष्टि कैसे होती है? राजीव धवन ने कहा कि जमींदारी और दीवानी के जमाने को देखें तो जमीन के मालिक को ही ग्रांट मिलती थी।