राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिदः मदनी ने कहा- अयोध्या पर समझौता मंजूर नहीं, उम्मीद है कोर्ट का फैसला आस्था नहीं, सबूतों की बुनियाद पर आएगा

By भाषा | Published: October 19, 2019 07:19 PM2019-10-19T19:19:00+5:302019-10-19T19:19:00+5:30

मदनी ने यह भी दावा किया कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक मौजूदा परिस्थितियों से लोग डरे सहमे हुए हैं और एक अविश्वास की भावना है। उन्होंने आरोप लगाया, ''वर्तमान में संवैधानिक परम्परा को खत्म करने की कोशिश हो रही है ताकि नया इतिहास लिखा जा सके।''

Ram Janmabhoomi-Babri Masjid: Madani said- agreement on Ayodhya is not acceptable, hope the court verdict is not faith, the evidence will come on the foundation | राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिदः मदनी ने कहा- अयोध्या पर समझौता मंजूर नहीं, उम्मीद है कोर्ट का फैसला आस्था नहीं, सबूतों की बुनियाद पर आएगा

बैठक में जमीयत के अध्यक्ष मौलाना मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान का विरोध किया।

Highlightsवक्फ बोर्ड का प्रमुख जमीन का मालिक नहीं होता है, बल्कि वह देखभाल करने वाला होता है। इस मामले में हमें कोई समझौता मंजूर नहीं होगा। अदालत जो भी फैसला करेगी वो हमें मंजूर होगा।

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को कहा कि अयोध्या मामले में किसी तरह का समझौता मंजूर नहीं होगा और उम्मीद है कि न्यायालय का फैसला आस्था नहीं बल्कि सबूतों की बुनियाद पर आएगा।

जमीयत की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक में मदनी ने यह भी दावा किया कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक मौजूदा परिस्थितियों से लोग डरे सहमे हुए हैं और एक अविश्वास की भावना है। उन्होंने आरोप लगाया, ''वर्तमान में संवैधानिक परम्परा को खत्म करने की कोशिश हो रही है ताकि नया इतिहास लिखा जा सके।''

राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद मामले का जिक्र करते हुए मदनी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए- हिन्द को पूर्ण विश्वास है कि न्यायपालिका का निर्णय आस्था की बुनियाद पर ना होकर सबूतों और गवाहों की बुनियाद पर होगा।

उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से विवादित स्थान से अपना दावा छोड़ने की कथित पेशकश के बारे में कहा, ''वक्फ बोर्ड का प्रमुख जमीन का मालिक नहीं होता है, बल्कि वह देखभाल करने वाला होता है। इस मामले में हमें कोई समझौता मंजूर नहीं होगा। अदालत जो भी फैसला करेगी वो हमें मंजूर होगा।''

बैठक में जमीयत के अध्यक्ष मौलाना मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान का विरोध किया जिसमें गृह मंत्री ने मुस्लिमों को छोड़कर सभी धर्मों को भारतीय नागरिकता देने की बात कही। मदनी ने आरोप लगाया, '' अमित शाह के बयान से स्पष्ट है कि उनकी सोच संविधान के अनुच्छेद 14-15 के विरुद्ध हैं जिसमें सभी धर्मों को उनके धार्मिक भाषा, खानपान, रहन सहन के नाम पर किसी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करने की बात की गयी है।’’ मदनी ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा कि मामला अदालत में है और हमें पूरा विश्वास है कि कश्मीरियों के साथ न्याय होगा। 

Web Title: Ram Janmabhoomi-Babri Masjid: Madani said- agreement on Ayodhya is not acceptable, hope the court verdict is not faith, the evidence will come on the foundation

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