राकेश तिवारी को रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार से किया गया सम्मानित
By भाषा | Published: September 13, 2019 03:13 PM2019-09-13T15:13:00+5:302019-09-13T15:13:00+5:30
राकेश तिवारी की कहानियां लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। उनकी एक कहानी पर फिल्म बन चुकी है जबकि एक अन्य की नाट्य प्रस्तुति भी हो चुकी है। अब तक उनके दो कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं तथा तीसरा संग्रह ’चिट्टी जनानियां’ प्रकाशित होने वाला है।
लेखक राकेश तिवारी को हिन्दी की साहित्यिक पत्रिका ‘परिकथा’ में प्रकाशित कहानी ‘मंगत की खोपड़ी में स्वप्न का विकास’ के लिए रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। तिवारी की कहानी के संदर्भ में प्रसिद्ध कथाकार महेश कटारे का कहना है कि यह कहानी परिवेश और तनाव की उस भाषा में विन्यस्त है जिसमें समयबोध कथा कौशल के साथ आ जुड़ा है इसलिए यह यथार्थ की उत्तप्त अनुभूति पर ही खत्म नहीं हो जाती बल्कि कुछ करने के लिए उकसाती भी है।
राकेश तिवारी की कहानियां लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। उनकी एक कहानी पर फिल्म बन चुकी है जबकि एक अन्य की नाट्य प्रस्तुति भी हो चुकी है। अब तक उनके दो कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं तथा तीसरा संग्रह ’चिट्टी जनानियां’ प्रकाशित होने वाला है।
उत्तराखंड के गरम पानी में जन्मे राकेश तिवारी जनसत्ता से सेवामुक्त होकर अब स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। पुरस्कार समिति के संयोजक के अनुसार पुरस्कार समारोह दिसंबर में दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित होगा।