राकेश टिकैत का सोशल मीडिया पर जलवा, जानें 26 जनवरी से अब तक कितनी बढ़ी फॉलोवर्स की संख्या
By अनुराग आनंद | Published: February 10, 2021 12:03 PM2021-02-10T12:03:14+5:302021-02-10T12:05:39+5:30
राकेश टिकैत के आंसू ने लगभग ठंडे पड़े आंदोलन को एक बार फिर से जिंदा कर दिया है। इसके बाद से ही देशभर के किसानों और सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है।
नई दिल्ली: इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली के चारों ओर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
किसान आंदोलन का नेतृत्व करीब 40 संगठनों के नेता कर रहे हैं। लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत सर्वाधिक लोकप्रियता किसान नेता बनकर उभरे हैं।
राकेश टिकैत के आंसू ने लगभग ठंडे पड़े आंदोलन को एक बार फिर से जिंदा कर दिया है। यही वजह है कि राकेश टिकैत किसान आंदोलन का उभरता हुआ नया चेहरा हैं।
वह आंदोलन को पंजाब, हरियाणा से देश के अन्य हिस्सों जैसे राजस्थान व पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के दक्षिणी भारत में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
राकेश टिकैत किसानों के बीच बढ़ती लोकप्रियता के साथ सोशल मीडिया पर भी धूम मचा रहे हैं-
हाल के दिनों में, वह किसानों के बीच अपनी बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही साथ सोशल मीडिया पर भी धूम मचा रहे हैं। किसानों व अन्य लोगों में टिकैत के प्रति सहानुभूति का भाव है और काफी लोग ऐसे हैं जो उसे भविष्य के किसान नेता के रूप में भी देखने लगे हैं।
इस महीने, राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में किसान पंचायतों का आयोजन करेंगे। वह पहले ही दिल्ली के आसपास चरखी दादरी, जींद, बागपत और कुरुक्षेत्र में किसान पंचायतों का आयोजन कर चुके हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि देश भर की पंचायतों ने उन्हें अपने गांवों में बुलाना शुरू कर दिया है।
देश के कई हिस्से से लोग राकेश टिकैत को अपनी किसान पंचायत में बुलाना चाह रहे हैं-
मिल रही जानकारी के मुताबिक, देश के कई हिस्से से लोग टिकैत को अपनी किसान पंचायतों में बुलाना चाहते हैं, लेकिन उसने कई वजहों से हर किसान पंचायत में शामिल होने के निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है। अभी कुछ दिनों के लिए उन्होंने किसी भी पंचायतों का दौरा नहीं करने का फैसला किया है।
इकनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट अनुसार, फरवरी माह में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में दो दर्जन से अधिक किसान पंचायतों में राकेश टिकैत के जाने की संभावना है, क्योंकि वे विरोध प्रदर्शनों को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाना चाहते हैं।
राकेश टिकैत की आंखों से निकले आंसुओं, आंदोलन को को पुनर्जीवित किया-
बता दें कि सोशल मीडिया पर अब राकेश टिकैत सेलिब्रिटी बन गए हैं। वास्तव में, 27 जनवरी को टिकैत की आंखों से निकले आंसुओं ने न केवल किसानों के आंदोलन को पुनर्जीवित किया, बल्कि इस वजह से सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता भी बढ़ी है।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के समय ट्विटर पर उनके लगभग 4,000 फॉलोअर्स थे। लेकिन, कुछ दिन पहले, जब से उनके खाते को वेरिफाइड ट्विटर ने किया है, तो उनके फॉलोअर्स की संख्या लगभग 1.5 लाख हो गई है।
राकेश टिकैत के एक फेसबुक पोस्ट कमसे कम 3 करोड़ लोग तक पहुंचते हैं
आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि महज कुछ दिनों में राकेश टिकैत की लोकप्रियता इतनी अधिक बढ़ी है कि उनके एक फेसबुक पोस्ट कमसे कम करीब तीन करोड़ लोग तक पहुंचते हैं।
टिकैत के लिए जनता के प्यार को देखते हुए, उनके टीम ने एक इंस्टाग्राम अकाउंट बनाने का फैसला लिया। कुछ ही दिनों में राकेश टिकैत के इंस्टाग्राम पर लगभग 45,000 फॉलोअर्स हो चुके हैं।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने मीडिया को बताया कि आंदोलन शुरू होने के समय उनके लगभग 3 से 4 हजार फॉलोअर्स थे, लेकिन अब लाखों लोग सोशल मीडिया पर उनको फॉलो कर रहे हैं।