राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा- उठाए गए मुद्दों पर 30 दिन में जवाब दें मंत्री
By भाषा | Published: June 24, 2019 06:36 PM2019-06-24T18:36:14+5:302019-06-24T18:36:14+5:30
उन्होंने कहा ‘‘आपको उसी दिन जवाब देने की जरूरत नहीं है। लेकिन जब मंत्री यहां हैं और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया हो और मंत्री उससे अवगत हों तो मैं अनुमति देता हूं और मंत्री जवाब देते हैं। अन्यथा परंपरा के अनुसार, मंत्री सदस्य को लिखित में जवाब देते हैं।’’
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि संबद्ध मंत्रियों को सदस्यों द्वारा शून्यकाल के दौरान उठाए गए और विशेष उल्लेख के जरिये उठाए गए मुद्दों पर 30 दिनों के अंदर जवाब देना चाहिए।
सभापति ने कहा कि सदन के नेता, संसदीय मामलों के मंत्री और वह स्वयं देखते रहे हैं और सदस्यों से यह जानकारी भी ले रहे हैं कि शून्यकाल के दौरान उठाए गए और विशेष उल्लेख के जरिये उठाए गए मुद्दों पर जवाब नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा ‘‘आपको उसी दिन जवाब देने की जरूरत नहीं है। लेकिन जब मंत्री यहां हैं और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया हो और मंत्री उससे अवगत हों तो मैं अनुमति देता हूं और मंत्री जवाब देते हैं। अन्यथा परंपरा के अनुसार, मंत्री सदस्य को लिखित में जवाब देते हैं।’’
नायडू ने कहा ‘‘मैं संसदीय मामलों के मंत्री तथा सदन के नेता को संबद्ध मंत्रियों के साथ चर्चा करने और यह देखने का सुझाव देता हूं कि सदस्यों को उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे पर 30 दिन के अंदर जवाब मिल जाए। अन्यथा हमें इसके विकल्प के बारे में सोचना होगा।’’
इस पर सदन में मौजूद संसदीय कार्य राज्य मंत्री ई मुरलीधरन ने कहा कि वह सभापति के निर्देश से संबद्ध मंत्रियों को अवगत कराएंगे और उनसे जवाब देने का अनुरोध करेंगे। नायडू ने सदस्यों से कहा कि उन्हें अपने मुद्दे तक ही सीमित रहना चाहिए, मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए और आरोप-प्रत्यारोप से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा ‘‘आरोप प्रत्यारोप लगाने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता।’’ उन्होंने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के इस सुझाव पर भी सहमति जताई कि भीषण जल संकट व देश में सूखे की आशंका के मुद्दों पर सदन में अल्पकालिक चर्चा की जानी चाहिए।