राम विलास पासवान के निधन के बाद खाली हुए राज्यसभा की सीट पर उपचुनाव, सुशील मोदी और रीना पासवान होंगे आमने-सामने!
By एस पी सिन्हा | Published: November 28, 2020 06:24 PM2020-11-28T18:24:50+5:302020-11-28T18:30:53+5:30
रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार में एक सीट पर राज्यसभा का उप चुनाव होने वाला है. इस चुनाव को लेकर चिराग पासवान का बयान सामने आया है. चिराग ने कहा कि यह सीट भाजपा की है.
पटना: बिहार में विपक्ष की ओर से सत्ता पक्ष को लगातार तीसरी चुनौती देने की तैयारी की जा रही है. विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद महागठबंधन अब राज्यसभा चुनाव में भी राजग के खिलाफ प्रत्याशी देने का मूड बना रहा है. इसके लिए किसी दमदार उम्मीदवार की तलाश किये जाने की चर्चा है. कारण कि नामांकन की तारीख तीन दिसंबर तक है, इसलिए धिरे-धिरे हिसाब बिठाया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसकी तैयारी करने का निर्देश जारी कर दिया है.
यहां बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार में एक सीट पर राज्यसभा का उप चुनाव होने वाला है. इस चुनाव को लेकर चिराग पासवान का बयान सामने आया है. चिराग ने कहा कि यह सीट भाजपा की है. वह किसी को भी अपना उम्मीदवार बना सकती है. खाली सीट पर हो रहे चुनाव को लेकर भाजपा ने सुशील कुमार मोदी को उम्मीदवार बनाया हैं. इससे पहले लोजपा की ओर से पार्टी प्रमुख चिराग पासवान की मां रीना पासवान को उम्मीदवार बनाये जाने की मांग की जा रही थी. लेकिन इसको लेकर भाजपा तैयार नहीं हुई और अपना उम्मीदवार उतार दिया.
अब सूत्रों का कहना है कि राजद की ओर से चिराग पासवान की मां रीन पासवान को उम्मीदवार बनाये जाने की पहल की जा रही है. इसके लिए लोजपा पर डोरे डाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि अगर चिराग पासवान तैयार हो जाते हैं तो उनकी मां रीना पासवान सर्वसम्मति से महागठबंधन की प्रत्याशी होंगी. अन्यथा तो दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है. चर्चा है कि तेजस्वी यादव स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने अपने काफी करीबी नेताओं को इसकी जिम्मेवारी सौंपी है. माना जा रहा है कि लालू यादव भी चिराग पासवान से संपर्क स्थापित कर सकते हैं अथवा अपना संदेश भेज सकते हैं. ऐसे में अगर रीना पासवान तैयार हो जाती हैं तो लडाई दिलचस्प होगी. जैसा की तेजस्वी यादव चाह रहे हैं. अब तेजस्वी यादव को चिराग पासवान के 'हां' का इंतजार है.
राजनीति के जानकारों की अगर मानें तो चिराग पासवान के माध्यम से तेजस्वी यादव एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश में हैं. वह दलित मुद्दे को उछालना चाहते हैं और रामविलास पासवान के नाम पर भी अपनी राजनीति को चमकाने का प्रयास करेंगे. ऐसे में अगर चिराग पसवान महागठबंधन के प्रस्ताव को मान जाते हैं तो एनडीए के बारे में नकारात्मक संदेश जाएगा. रीना पासवान को प्रत्याशी बनाकर तेजस्वी यादव यह प्रचारित करेंगे कि पासवान के जाते ही जदयू के दबाव में भाजपा ने उनके परिवार को भुला दिया. अब अगर चिराग पासवान इंकार करते हैं तो दूसरे प्रत्याशी के लिए भी प्रयास किया जा रहा है.
कोशिश यह भी है कि वह भी दलित समुदाय से ही हो तो ज्यादा अच्छा रहेगा. प्राथमिकता पासवान जाति के प्रत्याशी की होगी ताकि पासवान जाति के बीच अपनी पैठ बनाई जा सके. कहने के लिए यह भी होगा कि भाजपा ने पासवान की सीट को वैश्य जाति को दे दिया, जबकि रामविलास पासवान प्रधानमंत्री मोदी के लिए संघर्ष करते रहे. इसतरह से विधानसभा चुनाव में बेहद करीबी मुकाबले में नीतीश कुमार से पीछे रह गए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ कई मोर्चे खोलकर नीतीश कुमार की सरकार को उलझाए रखना चाहते हैं.