राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव, राज्यों में सत्ता परिवर्तन का दिखेगा असर!
By नितिन अग्रवाल | Published: February 26, 2020 06:04 AM2020-02-26T06:04:15+5:302020-02-26T06:04:15+5:30
राज्यसभा की जिन सीटों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें तमिलनाडु की 6, बिहार और पश्चिम बंगाल की 5-5 तथा ओडिशा, आंध्रप्रदेश और गुजरात की 4-4 सीटें हैं. जिन प्रमुख नेताओं का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें रामदास आठवले, दिल्ली भाजपा नेता विजय गोयल, प्रभात झा, कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, मोतीलाल वोरा और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार भी शामिल हैं.
चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 55 सीटों पर चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है. 17 राज्यों की इन सीटों का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है. महाराष्ट्र, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन का असर इस चुनाव पर पड़ सकता है. राज्यसभा की जिन सीटों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें तमिलनाडु की 6, बिहार और पश्चिम बंगाल की 5-5 तथा ओडिशा, आंध्रप्रदेश और गुजरात की 4-4 सीटें हैं. जिन प्रमुख नेताओं का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें रामदास आठवले, दिल्ली भाजपा नेता विजय गोयल, प्रभात झा, कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, मोतीलाल वोरा और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार भी शामिल हैं.
रिटायर हो रहे सदस्यों में भाजपा के 14, कांग्रेस के 11 और तृणमूल कांग्रेस और एआईएडीएमके की 4-4, जदयू के 3 और बीजद के 2 सदस्य हैं. इनमें असम की वह दो सीटें हैं जो भुवनेश कलिता और संजय सिंह के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से खाली हुई. दो सीट हरियाणा की है जिस पर भाजपा के चौधरी विरेंद्र सिंह और इनेलो से सांसद रहे रामकुमार कश्यप ने इस्तीफा दिया था. ओडिशा की सीटों में से एक अनुभव मोहंती के लोकसभा में जाने से खाली हुई है.
बदल सकता है राज्यसभा का गणित
फिलहाल राज्यसभा में भाजपा के पास 82 सीटें हैं और उसके मित्र दलों की मिलाकर 106 सीटों का आंकड़ा है. वर्ष-2018 में भाजपा को मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उसके बाद 2019 में महाराष्ट्र, झारखंड में भी हार का सामना करना पड़ा. इसका असर राज्यसभा में उसकी स्थिति पर पड़ सकता है. जबकि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के लिए राज्यसभा में अपनी चंद सीटें बढ़ाने का मौका होगा.