Rajya Sabha Election 2020: राज्यसभा चुनाव में रोचक मुकाबला, गुजरात, राजस्थान, एमपी, हरियाणा और झारखंड में कड़ी टक्कर
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 15, 2020 07:47 PM2020-03-15T19:47:49+5:302020-03-15T19:53:10+5:30
कांग्रेस और भाजपा के विधायकों में क्रॉस वोटिंग देखने को मिलेगा। आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए 16 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 18 मार्च को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है।
नई दिल्लीः देश के 17 राज्यों के 55 राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव होना है। सबसे अधिक मुकाबला गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और झारखंड में है।
यहां पर कांग्रेस और भाजपा के विधायकों में क्रॉस वोटिंग देखने को मिलेगा। आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए 16 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 18 मार्च को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। चुनाव आयोग द्वारा घोषित तिथि के अनुसार, इसके लिए वोटिंग सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक की जाएगी और वोटों की गिनती शाम 5 बजे की जाएगी।
झारखंड में 2 सीट पर चुनाव
झारखंड में 2 सीट पर चुनाव है। लेकिन भाजपा, झामुमो और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। झारखंड में दिशोम गुरु के नाम से प्रसिद्ध झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी हो गई है। दूसरी सीट पर भाजपा और कांग्रेस में टक्कर है।
भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने शहजादा अनवर को प्रत्याशी बनाया है। जेएमएम ने कांग्रेस की मांग को बिल्कुल भी तवज्जो नहीं दी और पार्टी ने शिबू सोरेन को राज्यसभा का प्रत्याशी बना दिया है। बाकी एक सीट पर कांग्रेस के पास इतने सदस्य नहीं हैं कि वो अपने दम पर चुनाव जीत सके। माना जा रहा है कि दूसरी सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है। इस तरह झारखंड में भी कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है।
एक सीट पर जेएमएम प्रत्याशी शिबू सोरेन की जीत पक्की है। दूसरी सीट के लिए बीजेपी के दीपक प्रकाश और कांग्रेस के शहजादा अनवर में मुकाबला होगा। हालांकि आंकड़ें दीपक प्रकाश के पक्ष में दिख रहे हैं। आजसू के समर्थन से बीजेपी के दीपक प्रकाश को 28 वोट मिलता दिख रहे है, जबकि जीत के लिए प्रथम वरीयता के केवल 27 वोटों की जरूरत है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को पार्टी के 16 विधायक, जेवीएम छोड़कर आए दो विधायक, आरजेडी के एक, एनसीपी के एक, माले के एक और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल सकता है।
गुजरात राज्यसभा चुनाव : भाजपा ने तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारा
गुजरात में राज्यसभा के आगामी चुनाव में नजदीकी मुकाबला देखने को मिलेगा। राज्यसभा की चार खाली सीटों के लिए भाजपा के तीन उम्मीदवारों और कांग्रेस के दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए। अंतिम समय में नामांकन और भाजपा के तीसरे उम्मीदवार द्वारा फॉर्म भरने के बाद गुजरात में 26 मार्च को होने वाले चुनाव में संख्या बल महत्वपूर्ण हो गया है और दोनों पक्ष दावा कर रहे हैं कि उनके उम्मीदवार जीतेंगे। विपक्षी कांग्रेस से शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी ने अपने नामांकन पत्र भरे।
सत्तारूढ़ भाजपा से अभय भारद्वाज, रामिलाबेन बारा और नरहरि अमीन ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की मौजूदगी में फॉर्म भरे। 182 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के 103, कांग्रेस के 73, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो, राकांपा का एक विधायक और एक विधायक निर्दलीय है। दो सीट खाली हैं। राज्यसभा चुनाव में विधायक वोट देते हैं। तीन सीटों पर जीत के लिए भाजपा को 111 वोट की जरूरत होगी जबकि कांग्रेस को दो सीटों पर जीत के लिए 74 वोटों की जरूरत होगी। निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने शुक्रवार को कांग्रेस को समर्थन दिया। खबर है कि कांग्रेस के 5 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई
राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी, जहां कांग्रेस के कम से कम 22 विधायकों के बगावत के चलते कमलनाथ सरकार का भविष्य अधर में लटक गया है। वहीं, राज्य में तीन सीटों के लिए दोनों पार्टियों ने दो-दो प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। दोनों पार्टियां विधायकों के संख्या बल के आधार पर आसानी से अपने एक-एक प्रत्याशियों को राज्यसभा भेज सकती है। जबकि तीसरी सीट के लिए कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही थी लेकिन 22 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे के साथ संख्याबल के इस खेल में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है।
इस्तीफा देने वाले अधिकतर विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जिन्होंने कांग्रेस से मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद बुधवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। राज्य की 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या आधिकारिक रूप से 114 है, जबकि पार्टी को चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी और एक विधायक का समर्थन भी हासिल है। बेंगलुरु में डेरा डाले अगर 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान वे अनुपस्थित रहते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 रह जाएगी।
ऐसी स्थिति में कांग्रेस के पास सिर्फ 92 सदस्य होंगे, जबकि भाजपा के खेमे में 107 विधायक होंगे। उम्मीद है कि भाजपा के सिंधिया और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे क्योंकि वे संभवत: अपनी-अपनी पार्टियों की पहली पसंद है। तीसरी सीट के लिए भाजपा के सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के बीच मुकाबला होगा। सोलंकी की उम्मीदवारी की घोषणा मंगलवार को की गई और वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं। वह संघ की विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य के आदिवासी इलाको में काम कर रहे हैं।
दिलचस्प हो गया है हरियाणा में राज्यसभा चुनाव
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव एक बार फिर दिलचस्प हो गया है। राज्यसभा की दो सीटों के लिए नियमित और एक सीट पर उपचुनाव होगा। सियासी उलटफेर नहीं हुआ तो एनडीए गठबंधन को दो सीटें मिलना तय है। एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की जीत होगी। हरियाणा में विधायकों की संख्या 90 है। बीजेपी के पास 40 और कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं। 10 जेजेपी और सात में से छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन बीजेपी के साथ है।
निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, इनेलो विधायक अभय चौटाला और विधायक गोपाल कांडा के वोट पर सबकी निगाह रहेगी। रामकुमार कश्यप के समय से पहले इस्तीफा देने और कुमारी शैलजा का कार्यकाल पूरा होने के कारण इन दोनों सीटों पर नियमित चुनाव हो रहा है। जिनकी अवधि 10 अप्रैल 2020 से नौ अप्रैल 2026 तक रहेगी, जबकि बीरेंद्र सिंह के त्यागपत्र के कारण खाली हुई सीट का कार्यकाल एक अगस्त 2022 तक है।
राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के दो-दो प्रत्याशी मैदान में
राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों पर होने वाले चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो-दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस के के सी़ वेणुगोपाल एवं नीरज डांगी तथा बीजेपी के राजेन्द्र गहलोत एवं औंकार सिंह लखावत ने नामांकन दाखिल किया है। केरल के वेणुगोपाल वर्ष 2009 से 2019 तक लोकसभा के सांसद रहे हैं। वह कनार्टक के पार्टी प्रभारी भी हैं।
डांगी यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके है। फिलहाल प्रदेश कांग्रेस में पदाधिकारी हैं। डांगी तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें तीनों बार हार का सामना करना पड़ा। भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र गहलोत पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और राज्य में भैरों सिंह शेखावत सरकार में मंत्री रह चुके है जबकि लखावत राज्यसभा सांसद रहे है। विधानसभा में संख्या बल के आधार पर दो सीटों पर कांग्रेस और एक पर बीजेपी उम्मीदवार के चुनाव जीतने की संभावना है।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी, विजय गोयल और नारायण लाल पंचारिया का कार्यकाल पूरा होने पर ये तीन सीटें खाली हो रही है। राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक और बीजेपी के 72 विधायक हैं। राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। राजस्थान में राज्यसभा की कुल 10 सीटें हैं जिनमें से फिलहाल 9 बीजेपी और एक कांग्रेस के पास है।