राज्यसभा उपचुनाव: निर्विरोध चुने जाएंगे सुशील मोदी, महागठबंधन ने मानी हार, कैंडिडेट नहीं उतारा
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 4, 2020 01:24 PM2020-12-04T13:24:54+5:302020-12-04T18:01:45+5:30
लोजपा के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन से खाली हुई सीट पर चुनाव हो रहा है। एनडीए ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को प्रत्याशी घोषित किया है।
पटनाः बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। महागठबंधन ने पहले ही हार मान ली है। राजद और कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिले।
सुशील कुमार मोदी के खिलाफ महागठबंधन ने पहले प्रत्याशी उतारने की बात की थी। कई नाम सामने आएं। उपचुनाव में नामांकन के अंतिम दिन 3 दिसंबर तक विपक्षी महागठबंधन द्वारा कोई उम्मीदवार नहीं उतारे। इससे लग गया था कि मोदी निर्विरोध चुने जाएंगे।
महागठबंधन ने सबसे पहले चिराग पासवान की मां रीना पासवान को उतारने की कोशिश की, लेकिन चिराग ने मना कर दिया। पूर्व मंत्री श्याम रजक, अब्दुल बारी सिद्दिकी ने भी चुनाव में उतरने से मना कर दिया।
उपचुनाव को लेकर लोजपा ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया था
आपको बता दें बिहार में राज्यसभा की एक सीट पर होने वाली उपचुनाव को लेकर लोजपा ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया था। लोजपा ने यह साफ कर दिया है कि लोजपा इस चुनाव में अपना कोई भी उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारेगी, साथ ही पार्टी ने भाजपा के निर्णय को भी स्वीकार किया है, उसने यह साफ कर दिया है कि वह भाजपा के साथ पहले भी थे और अब भी हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट पर कहा जा रहा था कि चिराग आपनी मां को दिलवाना चाहते हैं। लेकिन जब भाजपा ने सुशील मोदी के नाम की घोषणा की तो सब साफ हो गया कि यह सीट भाजपा अपने ही पास रखेगी, इसके बाद भाजपा को टक्कर देने के लिए राजद ने चिराग को इस सीट पर अपना समर्थन देने की बात तक कह डाली।
यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई बिहार की राज्यसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रही है, दो दिसंबर को बिहार एनडीए की ओर से भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी अपना नामांकन दाखिल किया था, तीन दिसंबर को नामांकन की आखिरी तारीख था।
रविशंकर प्रसाद के पटना साहिब लोकसभा सीट से जीतने के बाद खाली हुयी
रामविलास अपने कैबिनेट सहयोगी रविशंकर प्रसाद के पटना साहिब लोकसभा सीट से जीतने के बाद खाली हुयी इस सीट पर पिछले साल उपचुनाव में निर्विरोध चुने गये थे। हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में जद (यू) प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को अस्वीकार्य बताते हुए अकेले चुनावी मैदान में उतरी लोजपा के प्रमुख और रामविलास के पुत्र चिराग पासवान ने शनिवार को कहा था कि यह भाजपा की सीट है और वह इस बात का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है कि वह किसे चुनाव मैदान में उतारना चाहती है।
राज्यसभा की इस सीट के लिए हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी श्याम नंदन प्रसाद द्वारा भी नामांकन दाखिल किया गया है पर नियमानुसार आवश्यक दस प्रस्तावक विधायकों की सूची उन्होंने जमा नहीं की है। ऐसे में सुशील मोदी का निर्विरोध चुना जाना तय सा है। इस उपचुनाव में नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख सात दिसंबर है। विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस उपचुनाव में उम्मीदवार खड़ा करने का राजद का इरादा कभी नहीं था।
दिग्गज नेता रामविलास पासवान के निधन से रिक्त हुआ था
चूंकि यह सीट दलित समुदाय से आने वाले दिग्गज नेता रामविलास पासवान के निधन से रिक्त हुआ था। इसलिए लोग चाहते थे कि बिहार के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उनके सम्मान में श्रद्धांजलि स्वरुप यदि उनकी पत्नी (रीना पासवान) को उम्मीदवार बनाया जाता तो निश्चित रूप से राज्य का हर निवासी अपने को गौरवान्वित महसूस करता।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद द्वारा राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करने की बात आधिकारिक रूप से कभी नहीं कही गई थी। बल्कि राजग के लोगों द्वारा ही ऐसा कयास लगाया जा रहा था । क्योंकि राजग के घटक दलों के बीच अंतर्विरोध एवं अविश्वास की वजह से उस गठबंधन के नेता स्वयं ही सशंकित थे।