राज्यसभा उपचुनावः महागठबंधन को नहीं मिल रहा प्रत्याशी, रीना पासवान, श्याम रजक और प्रेमचंद मिश्रा ने किया इनकार
By एस पी सिन्हा | Published: December 1, 2020 06:46 PM2020-12-01T18:46:27+5:302020-12-01T18:54:14+5:30
बिहार में विधानसभा सदस्यों की संख्या 243 हैं. एनडीएन गठबंधन के पास 125, राजद, कांग्रेस और वाम दलों के पास 110 विधायक हैं. एआईएमआईएम के 5 और लोजपा और अन्य के पास 3 विधायक हैं. जीतने के लिए 122 वोट की जरूरत है.
पटनाः बिहार में नीतीश सरकार को हर मोड़ पर चुनौती देने की ठान रखी महागठबंधन खासकर के राजद को यहां होने जा रहे एक सीट के लिए राज्यसभा उपचुनाव में कोई जिताऊ उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है.
राज्य में रामविलास पासवान के निधन से खाली हुए इस सीट पर 14 दिसंबर को चुनाव है, जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 3 दिसंबर है. राजद इस सीट पर सबसे पहले लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान की पत्नी को उम्मीदवार बनाना चाहती थी. लेकिन रीना पासवान ने चुनाव लड़ने से मना कर दी हैं.
सूत्रों की अगर मानें तो पूर्व मंत्री व राजद नेता श्याम रजक और कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने भी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. बावजूद इसके राजद राज्यसभा की इस एक सीट के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को तगड़ी चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रहा है.
राजद और उसके सहयोगी दलों की रणनीति का जो भी अनौपचारिक रुख सामने आया
राजद और उसके सहयोगी दलों की रणनीति का जो भी अनौपचारिक रुख सामने आया है, उसके मुताबिक दिवंगत दलित नेता राम विलास पासवान की मृत्यु से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए किसी दलित नेता को आगे लाया जा सकता है. अलबत्ता अभी तक अनिर्णय की स्थित बरकरार है.
सूत्रों के मुताबिक राजद ने मुस्लिम प्रत्याशी वाला कार्ड भी महागठबंधन ने विकल्प के रूप में सुरक्षित रख रखा है. बिहार के सियासी गलियारे में जिन दलित नेताओं के नामों की चर्चा है, उनमें श्याम रजक सबसे प्रमुख बताये जा रहे हैं.
कोई मांझी नेता प्रत्याशी बनाया जा सकता है
इसके अलावा राजद की दलित नेत्री समता देवी या पार्टी का कोई मांझी नेता प्रत्याशी बनाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक महागठबंधन दलित प्रत्याशी उतारकर यह संदेश देना चाहता है कि महागठबंधन ही दलितों का असली शुभ चिंतक है, जिसे आगामी चुनावों में भुना सकें.
यहां उल्लेखनीय है कि चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोजपा ने ये साफ कर दिया है कि इस उपचुनाव में उसकी तरफ से कोई प्रत्याशी चुनाव में नहीं होगा. इसको लेकर पार्टी के ट्विटर हैंडल से आज ही एक ट्वीट किया गया है. इस ट्वीट में लिखा गया है कि राजद के कई साथी अपना समर्थन इस सीट पर लोजपा प्रत्याशी के लिए करने की बात की है.
लोजपा का कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ना चाहता
उनके समर्थन के लिए पार्टी आभार व्यक्त करती है. इस राज्य सभा सीट पर लोजपा का कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ना चाहता है. वहीं चिराग पासवान ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उनकी मां रीना पासवान राजनीति में नही आना चाहती हैं. ऐसे में उनके चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नही उठता है.
यहां बता दें कि राज्यसभा सीट पर जीत के लिए 123 सीटों की जरूरत है. इस चुनाव में एनडीए के पास 125 सीट है, जबकि महागठबंधन के पास 110 सीट है. राजद को उम्मीद है कि असदउद्दीन औवेसी की पार्टी का भी समर्थन मिल सकता है. बावजूद इसके संख्याबल की कमी को पुरा करना महागठबंधन के सामने एक चुनौती से कम नही होगा.