राजकोट अस्पताल में आग लगने की घटना : सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच आयोग गठित
By भाषा | Published: November 30, 2020 10:24 PM2020-11-30T22:24:29+5:302020-11-30T22:24:29+5:30
अहमदाबाद, 30 नवंबर गुजरात सरकार ने गुजरात उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डी ए मेहता के नेतृत्व में राजकोट अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
अस्पताल में गत 27 नवंबर को लगी आग में कोविड-19 के पांच मरीजों की मौत हो गई थी।
हालांकि, इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के ए पुज को आयोग का प्रमुख बनाने की घोषणा की थी। सरकार ने सोमवार को बताया कि न्यायमूर्ति पुज की व्यस्तता की वजह से अब उनकी जगह न्यायमूर्ति मेहता को लिया गया है, ताकि समय से जांच पूरी हो सके।
सरकार ने न्यायमूर्ति मेहता आयोग को तीन महीने के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है।
न्यायमूर्ति पुज अहमदाबाद के श्रेय अस्पताल में इस साल अगस्त में लगी आग की घटना की जांच के लिये गठित आयोग के प्रमुख हैं। उस घटना में कोरोना वायरस से संक्रमित आठ मरीजों की मौत हो गई थी।
वह गुजरात में 2015 में आरक्षण को लेकर हुए आंदोलन के दौरान पाटीदार समुदाय के आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा कथित तौर पर किये गए अत्याचार की जांच के लिये गठित आयोग के भी मुखिया हैं। वह अहमदाबाद क्षेत्र की फीस नियमन समिति के भी अध्यक्ष हैं।
राजकोट के उदय शिवानंद कोविड अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने की वजह से कोविड-19 के पांच मरीजों की मौत हो गई थी, जबकि 28 अन्य को सुरक्षित बचाया गया था।
पुलिस ने बताया कि रविवार को अस्पताल प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों समेत पांच लोगों पर भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि प्रारंभिक जांच में उनकी ओर से घोर लापरवाही बरते जाने का खुलासा हुआ है।
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