एमपी में भाजपा नेता के बाद ASI को राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता ने मारा थप्पड़, कार्रवाई पर लटकी तलवार
By भाषा | Published: February 7, 2020 02:16 PM2020-02-07T14:16:15+5:302020-02-07T14:16:15+5:30
मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कलेक्टर निधि निवेदिता के खिलाफ जांच रिपोर्ट को उचित कार्रवाई के लिए प्रदेश के गृह विभाग को भेज दिया गया है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘पुलिस के एक एएसआई ने राजगढ़ जिले के एसपी को शिकायत की थी कि रैली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 19 जनवरी को उसकी तैनाती के दौरान जिला कलेक्टर निधि निवेदिता ने उसे थप्पड़ मारा था।’’
मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय ने एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने के मामले में राजगढ़ जिले की महिला कलेक्टर निधि निवेदिता की खिलाफ जांच रिपोर्ट को अगली कार्रवाई के लिए प्रदेश के गृह विभाग भेज दिया है।
पिछले महीने राजगढ़ जिले के ब्यावरा में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के समर्थन में निकाली गई रैली से पहले कलेक्टर ने पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था।
प्रदेश के पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कलेक्टर के खिलाफ जांच रिपोर्ट को उचित कार्रवाई के लिए प्रदेश के गृह विभाग को भेज दिया गया है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘पुलिस के एक एएसआई ने राजगढ़ जिले के एसपी को शिकायत की थी कि रैली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 19 जनवरी को उसकी तैनाती के दौरान जिला कलेक्टर निधि निवेदिता ने उसे थप्पड़ मारा था।’’
उन्होंने बताया कि एएसआई की शिकायत पर राजगढ़ के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) को मामले की जांच सौपी गई। एसडीओपी द्वारा इस मामले में घटना के वक्त मौजूद लोगों के बयान दर्ज करने के बाद जांच रिपोर्ट एसपी को सौपी गई, जिसे पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में एएसआई द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में प्रदेश के राजगढ़ जिले में आयोजित हालिया रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं को थप्पड़ मारे जाने की बहुचर्चित घटना के मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और जिलाधिकारी से जवाब तलब किया।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एस सी शर्मा और न्यायमूर्ति शैलेंद्र शुक्ला ने राजगढ़ निवासी अधिवक्ता हर्षवर्धन शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सूबे के मुख्य सचिव एवं राजगढ़ की जिलाधिकारी निधि निवेदिता और अन्य सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
निवेदिता और उप जिलाधिकारी प्रिया वर्मा ने राजगढ़ जिले के ब्यावरा कस्बे में रविवार को सीएए के समर्थन में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित रूप से चांटे मारे थे। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए थे और जब यह रैली निकाली गयी, तब जिले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रशासन ने ऐसे आयोजनों पर रोक लगा रखी थी।
याचिकाकर्ता के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने संवाददाताओं को बताया कि उच्च न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि दोनों प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी कानूनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं पर हाथ उठाया, जबकि वे हाथों में तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि याचिका में गुहार की गयी है कि दोनों प्रशासनिक अधिकारियों से कार्यपालक मजिस्ट्रेट की कानूनी शक्तियां छीन ली जायें और थप्पड़ कांड की मजिस्ट्रेटी तथा न्यायिक जांच करायी जाये। याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शनों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा को हटाया जाये, क्योंकि इससे नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है।