राजीव प्रताप रूडी और हेमा मालिनी पर्यटन मंत्री पर बरसे, बोले- नहीं हो रही सुनवाई
By भाषा | Published: July 8, 2019 08:26 PM2019-07-08T20:26:25+5:302019-07-08T20:26:25+5:30
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बिहार से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये कोई ठोस पहल नहीं की गई है। इस बारे में उन्होंने मंत्रालय को कई पत्र लिखे हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
भाजपा के दो सांसदों राजीव प्रताप रूडी और हेमा मालिनी ने बिहार और उत्तर प्रदेश में पर्यटन संबंधी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिये पर्याप्त कदम के अभाव को लेकर अप्रसन्नता जतायी और सरकार से इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की अपील की।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बिहार से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये कोई ठोस पहल नहीं की गई है। इस बारे में उन्होंने मंत्रालय को कई पत्र लिखे हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
उन्होंने इस संबंध में गंडक-घाघरा नदी के बीच डालफिन मिलने का जिक्र किया और कहा कि यह इको टूरिज्म का केंद्र बन सकता है, जिसके लिये लोग आर्मेनिया सहित दुनिया के कई देशों में जाते हैं। रूडी ने बिहार में सोनपुर पशु मेले का उदाहरण दिया और कहा कि इस बारे में बिहार सरकार का एक प्रस्ताव भारत सरकार के पास लंबित है। इस पर ध्यान दिया जाए।
उत्तर प्रदेश में मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि सरकार ने कृष्ण सर्किट के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है, जिसके दायरे में मथुरा, बृंदावन और उससे लगे क्षेत्र आते हैं। लेकिन इस योजना की प्रगति के बारे में कहने योग्य कुछ काम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इसे समय पर पूरा करने के लिये तेजी से काम आगे बढ़ाये जाने की जरूरत है।
पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि पर्यटन से जुड़ी सभी विकास योजनाएं प्रदेश सरकारों के प्रस्ताव के माध्यम से आती है। बिहार से एक प्रस्ताव आया है लेकिन इस संबंध में डीपीआर नहीं प्राप्त हुआ है । उन्होंने कहा कि कृष्ण सर्किट के कार्य की समीक्षा चल रही है।
रूडी ने केंद्र सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल पर उनकी मांग की अनदेखी करने का आरोप लगाया। संसद में उन्होंने मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार लाने की बात तक कह डाली। बिहार में ईको टूरिज्म के मामले पर सवाल पूछते हुए रूडी पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्हें खरी खोटी सुनाई। लोकसभा में बीजेपी सांसद का यह व्यवहार बिल्कुल विपक्षी नेताओं की तरह था।