राजस्थानः कहां तो राजनीतिक जोड़तोड़ का इंतजार और कहां विपक्षी खेमे में सियासी खामोशी छाई है?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 24, 2019 06:25 AM2019-07-24T06:25:38+5:302019-07-24T06:25:38+5:30

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सियासी समीकरण गड़बड़ाया हुआ है, इसलिए वे- ठहरो और देखो की राजनीतिक राह पर चल रही हैं.

rajasthan vidhan sabha BJP stages walkout in Rajasthan | राजस्थानः कहां तो राजनीतिक जोड़तोड़ का इंतजार और कहां विपक्षी खेमे में सियासी खामोशी छाई है?

राजस्थानः कहां तो राजनीतिक जोड़तोड़ का इंतजार और कहां विपक्षी खेमे में सियासी खामोशी छाई है?

Highlights सदन के भीतर और बाहर विपक्ष का ऐसा ठंडा विरोध प्रदर्शन सियासी चर्चा का कारण बना हुआ है.विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने नियमों का हवाला दिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया से बीजेपी एमएलए से प्रश्न पूछने के लिए कहने का आग्रह किया, परन्तु वे नहीं माने.

कहां तो केन्द्र में सरकार बनने के बाद बीजेपी समर्थक राजस्थान में कर्नाटक जैसी राजनीतिक तोड़फोड़ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और कहां विपक्षी खेमे में खामोशी छाई है. बीजेपी की प्रमुख नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ट्विटर प्रदेश की राजनीति पर खामोश है, तो भाजपा विधायक भी विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बांह पर काली पट्टी बांधकर मौन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सियासी समीकरण गड़बड़ाया हुआ है, इसलिए वे- ठहरो और देखो की राजनीतिक राह पर चल रही हैं. अब प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष, प्रादेशिक नेतृत्व जैसे निर्णय संघ की सहमति से भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व करेगा, इसीलिए चारों ओर राजनीतिक शांति नजर आ रही है. उधर, बीजेपी विधायक सदन में तो आ रहे हैं, लेकिन प्रश्नकाल की प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे हैं. बीजेपी एमएलए प्रश्नकाल के दौरान दो से अधिक पूरक प्रश्न पूछे जाने की अनुमति नहीं दिए जाने की व्यवस्था से खफा हैं.

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की नयी व्यवस्था को लेकर बीजेपी एमएलए इस तरह से विरोध दर्ज करा रहे हैं. जहां, शनिवार को भाजपा विधायकों ने मुंह पर सफेद पट्टी बांधी और चुपचाप बैठे रहे, वहीं सोमवार को कुल 21 प्रश्न सूचीबद्ध थे, जिनमें से केवल 11 पर ही चर्चा हो पाई, क्योंकि बीजेपी ने प्रक्रिया में भाग नहीं लिया. मंगलवार को भी गतिरोध जारी रहा. जहां विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने नियमों का हवाला दिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया से बीजेपी एमएलए से प्रश्न पूछने के लिए कहने का आग्रह किया, परन्तु वे नहीं माने.

बहरहाल, सदन के भीतर और बाहर विपक्ष का ऐसा ठंडा विरोध प्रदर्शन सियासी चर्चा का कारण बना हुआ है कि आखिर ऐसा करके बीजेपी को क्या हांसिल होना है?  याद रहे, प्रदेश के बजट में अशोक गहलोत सरकार ने किसानों, युवाओं आदि को फोकस करते हुए कई घोषणाएं की, लेकिन इनका विरोध भी केवल सियासी रस्म अदायगी तक ही रहा है.  देखना दिलचस्प होगा कि कर्नाटक का नाटक खत्म होने के बाद राजस्थान के लिए बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व क्या पाॅलिटिकल एक्शन प्लान तैयार करता है?

Web Title: rajasthan vidhan sabha BJP stages walkout in Rajasthan

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