राजस्थानः केन्द्र सरकार के तर्कों को ही ढाल बना रही है प्रदेश की कांग्रेस सरकार?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 3, 2019 05:57 AM2019-11-03T05:57:54+5:302019-11-03T05:57:54+5:30
प्रदेश सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि- राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी निजी वाहन टोल शुल्क से मुक्त नहीं हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी वाहनों को टोल शुल्क से छूट देने की मांग को केन्द्र सरकार ने भी स्वीकार नहीं किया है.
देश में रोजगार की हालत को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केन्द्र की पीएम मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि रिपोर्ट बहुत चौंकाने वाली है, पिछले वर्षों में रोजगार में 9 मिलियन की गिरावट आई है. अर्थव्यवस्था में मंदी, नौकरी का नुकसान, रोजगार के आंकड़े नीचे जा रहे हैं. एनडीए एक नया इतिहास लिख रहा है कि कैसे कम समय में एक मजबूत अर्थव्यवस्था को नष्ट किया जाए.
यही नहीं, घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने पर भी केन्द्र सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए मूल्य वृद्धि को अतिरिक्त बोझ करार दिया है, गहलोत कहते हैं कि- सरकार ने फिर से घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी की है. आम लोग पहले ही आर्थिक मंदी के कारण पीड़ित हैं और यह मूल्य वृद्धि एक अतिरिक्त बोझ होगा. सत्ता में आने के बाद से, एनडीए सरकार ने केवल आम लोगों के लिए परेशानी बढ़ाई है.
हालांकि, प्रदेश में टोल टैक्स के मुद्दे पर बीजेपी गहलोत सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, किन्तु इस मामले में भी केन्द्र सरकार, प्रदेश सरकार के लिए ढाल बन कर उभर रही है.
प्रदेश सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि- राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी निजी वाहन टोल शुल्क से मुक्त नहीं हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी वाहनों को टोल शुल्क से छूट देने की मांग को केन्द्र सरकार ने भी स्वीकार नहीं किया है. आमजन की पुरजोर मांग के बावजूद केन्द्र सरकार ने भी आजतक इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया है. ऐसे में राज्य सरकार के लिए ऐसी छूट देना विवेकपूर्ण नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसका सीधा असर सड़क विकास के कार्यों पर ही पड़ता है. जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है.
मजेदार बात यह है कि अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी प्रदेश के विकास के लिए, पीएम मोदी सरकार के उन्हीं तर्क का उपयोग कर रही है, जिनके आधार पर भारी जुर्माने वाले मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने, सब्सीडी छोड़ने आदि से लेकर पेट्रोल, डीजल, गैस आदि के दाम बढ़ाने को देशहित में, विकास के लिए त्याग मानते हुए जस्टिफाई करती रही है!