Rajasthan temple priest burnt: पुजारी हत्याकांड, भाजपा-कांग्रेस में राजनीति तेज, सीएम बोले-  दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय, जानिए पूरा मामला

By प्रदीप द्विवेदी | Published: October 10, 2020 07:16 PM2020-10-10T19:16:29+5:302020-10-10T19:16:29+5:30

हाथरस की तरह ही राजनीति का अखाड़ा बन गई है. एक ओर बीजेपी के नेता हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस है. थोड़ा-सा फर्क यह है कि यहां पहुंचने के लिए मीडिया और विपक्ष के नेताओं को पुलिस रोक नहीं रही है.

Rajasthan temple priest burnt Karauli’s Sapotra police station congerss bjp cm ashok | Rajasthan temple priest burnt: पुजारी हत्याकांड, भाजपा-कांग्रेस में राजनीति तेज, सीएम बोले-  दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय, जानिए पूरा मामला

कागजों के आधार पर सरकार ने गरीब माना है और सरकार कागजी आधार पर जिन्हें लगातार मदद देती रही है.

Highlightsमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर ट्वीट किया- सपोटरा, करौली में बाबूलाल वैष्णव की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है.सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है. प्रदेश सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है.घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं कार्रवाई जारी है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

जयपुरः राजस्थान के गांव बूकना थाना सरपोटा जिला करौली के राधा गोपाल मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को दबंगों ने दो दिन पहले जिंदा जला दिया था. इस वक्त यह जगह भी हाथरस की तरह ही राजनीति का अखाड़ा बन गई है. एक ओर बीजेपी के नेता हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस है. थोड़ा-सा फर्क यह है कि यहां पहुंचने के लिए मीडिया और विपक्ष के नेताओं को पुलिस रोक नहीं रही है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर ट्वीट किया- सपोटरा, करौली में बाबूलाल वैष्णव की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है, सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है. प्रदेश सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है.

घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं कार्रवाई जारी है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उधर, करौली हत्याकांड पर राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया का कहना है कि- ये सियासी मसला नहीं, राजस्थान की कमजोर और लचर कानून व्यवस्था का नमूना है. उन्होंने तो सीएम अशोक गहलोत से इस्तीफा भी देने को कहा है.

बहरहाल, जहां सरकार इस मामले को दर्ज करके सख्त कानूनी कार्रवाई और प्रभावित परिवार को जरूरी सहायता की बात कह रही है, वहीं डाॅ. सतीश पूनिया ने इस घटना के मद्देनजर बीजेपी की तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है.

इस घटना ने कई सरकारी योजनाओं की हकीकत को भी उजागर कर दिया है, कि अपराध का संबंध जाति से नहीं है, गरीब केवल वही नहीं हैं, जिन्हें कागजों के आधार पर सरकार ने गरीब माना है और सरकार कागजी आधार पर जिन्हें लगातार मदद देती रही है.

क्योंकि, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है इसलिए बीजेपी उस पर सियासी निशाना साध रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि केन्द्र की प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं का लाभ भी कितने वास्तविक गरीबों को मिला है?

पुजारी परिवार जिस हालत में रह रहा है, वह गरीब की सरकारी परिभाषा में तो नहीं आता, लेकिन वास्तव में गरीब जरूर है. यह हालत बताती है कि अब गरीब की योजनाओं का लाभ प्रदान करते समय कागजों के साथ-साथ भौतिक सत्यापन भी किया जाना चाहिए, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ हर वर्ग के वास्तविक गरीबों को मिल सके!

Web Title: Rajasthan temple priest burnt Karauli’s Sapotra police station congerss bjp cm ashok

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