Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बड़ी कार्रवाई की है। देवनानी ने अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी है। देवनानी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कंवरलाल की सदस्यता के मामले में राज्य के महाधिवक्ता से राय मांगी थी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस मीणा की विधानसभा की सदस्यता निरस्त करने की मांग कर रही है। झालावाड़ के अकलेरा की स्थानीय अदालत ने कंवरलाल को एक मामले में दोषी पाते हुए तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित प्रतिपक्ष के कई विधायक देवनानी से मिले थे। इन सदस्यों ने कंवरलाल की सदस्यता समाप्त करने के मामले में ज्ञापन भी सौंपा था। देवनानी ने इस संबंध में न्याय सम्मत शीघ्र निर्णय करने का आश्वस्त दिया था। देवनानी ने महाधिवक्ता की रिपोर्ट मिलने के बाद शुक्रवार को यह फैसला किया। अकलेरा की स्थानीय अदालत ने 14 दिसंबर 2020 को मीणा को 20 साल पुराने मामले में सरकारी काम में बाधा डालने, सरकारी अधिकारियों को धमकाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी इस सजा को बरकरार रखा था। विधानसभा के प्रवक्ता ने बताया कि देवनानी ने दोषसिद्धि की तिथि से अंता से विधायक कंवरलाल को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से निरर्हित कर दिया है। प्रवक्ता के अनुसार देवनानी ने बताया कि कंवरलाल दोषसिद्धि की तिथि से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) सहपठित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के अन्तर्गत निरर्हित हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इससे राजस्थान विधानसभा में एक स्थान अंता (193) जिला बारां रिक्त हो गया है।
प्रवक्ता के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि आज शुक्रवार को सुबह महाधिवक्ता की विधिक राय प्राप्त होते ही कंवरलाल की सदस्यता निरस्त कर दी गई है। देवनानी ने कहा कि वह किसी भी प्रकार के दबाव में काम नहीं करते। उन्होंने कहा कि वह किसी भी मामले में उससे संबंधित प्रत्येक पहलू का गहन अध्ययन करके ही विधि सम्मत और न्याय सम्मत निर्णय लेते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले भी विधानसभा से संबंधित अनेक विषयों पर विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्षों ने बहुत अधिक समय लिया है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। देवनानी ने कहा, ‘‘विधायक कंवरलाल के संबंध में न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले के दिन ही राज्य के महाधिवक्ता को विधिक राय दिये जाने के लिये निर्दिष्ट कर दिया था। ऐसे मामलों में दोषसिद्धि की दिनांक से ही विधानसभा सदस्य की सदस्यता निरस्त हो जाती है। विधानसभा क्षेत्र के रिक्ति होने की सूचना राजस्थान विधानसभा द्वारा जारी की जाती है।’’
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने देवनानी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए ‘एक्स’ पर ‘‘सत्यमेव जयते’’ लिखा। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के भारी दबाव और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के द्वारा हाईकोर्ट में ‘कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट’ की अर्जी पेश करने के बाद आखिरकार भाजपा के सजायाफ्ता विधायक कंवर लाल की सदस्यता रद्द करनी पड़ी।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान सर्वोपरि है। कांग्रेस पार्टी यह बात बार-बार आरएसएस-भाजपा के नेताओं को बताती रहेगी और उन्हें मजबूर करेगी वो संविधान के मुताबिक काम करें।’’ नेता प्रतिपक्ष जूली ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘सत्यमेव जयते...लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा की जीत।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के सतत संघर्ष और अदालत में ‘अवमानना’ याचिका दायर किए जाने के बाद अंततः आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता रद्द करनी पड़ी।’’ राजस्थान की 200 सीट वाली विधानसभा में अब भाजपा के 118, कांग्रेस के 66 विधायक हैं।