राजस्थान की सियासत में आज अहम दिन, 6 बसपा विधायकों की ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई
By पल्लवी कुमारी | Published: August 11, 2020 08:11 AM2020-08-11T08:11:06+5:302020-08-11T08:11:06+5:30
Rajasthan Political Crisis: बसपा के छह विधायक संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीना, जोगेन्द्र आवना और राजेन्द्र गुध 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इन विधायकों ने 16 सितंबर 2019 को अपने विलय के बारे में एक आवेदन किया था और दो दिन बाद विधान सभा अध्यक्ष ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने की अनुमति दे दी थी।
नई दिल्ली: राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी ( बसपा BSP) के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय होने से संबंधित मामले में दायर याचिका पर आज (11 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार (10 अगस्त) को कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बीजेपी विधायक की याचिका पर छह विधायकों द्वारा अलग से दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस में शामिल हुये बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस विधायक के रूप में काम करने पर रोक लगाने से इंकार करने के हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) के आदेश को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा सत्र में इन छह बसपा विधायकों के वोटिंग अधिकार को रोका जाए।
यहां समझे पूरा मामला
बसपा के छह विधायक 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जिसके बाद बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका दायर की है। जिसके बाद राजस्थान विधानसभा के स्पीकर/अध्यक्ष सीपी जोशी ने 29 जुलाई को अयोग्य ठहराए जाने की याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने हाई कोर्ट में इससे संबंधित याचिका डाली लेकिन कोर्ट ने मामले में 30 जुलाई को सुनवाई करते हुए सीपी जोशी को नोटिस जारी किया लेकिन स्पीकर के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
वहीं बसपा के भी इन छह विधायकों ने अलग से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। छह विधायकों ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि हाई कोर्ट में लंबित बीजेपी विधायक दिलावर की याचिका वह अपने यहां स्थानांतरित करे।
जानें सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (10 अगस्त) को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायक दिलावर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने इन विधायकों का कांग्रेस में विलय स्वीकार करते हुये पिछले साल 2019 सितंबर में इस मामले में आदेश पारित किया था।
उन्होंने कहा कि बसपा का कहना है कि उनका कभी विलय नहीं हुआ। यह मामला हाई कोर्ट की एकल पीठ के समक्ष लंबित होने के तथ्य का जिक्र करते हुये साल्वे ने छह विधायकों की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का भी उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि वह दोनों मामलों पर मंगलवार (11 अगस्त) को सुनवाई करेगी।
बसपा विधायकों के विलय से कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हुई
विधायक संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीना, जोगेन्द्र आवना और राजेन्द्र गुध 2018 के विधान सभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे लेकिन सितंबर, 2019 में वे कांग्रेस में शामिल हो गये थे। इन विधायकों ने पिछले साल 16 सितंबर को अपने विलय के बारे में एक आवेदन किया था और दो दिन बाद विधान सभा अध्यक्ष ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने की अनुमति दे दी थी। बसपा विधायकों के विलय से राजस्थान में 200 सदस्यों वाली विधान सभा में सत्तारूढ़ अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गयी थी।