राजस्थानः अब बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने दिखाए तेवर, गुढ़ा बोले-10 निर्दलीय और हम नहीं होते तो...

By अभिषेक पारीक | Published: June 14, 2021 09:58 PM2021-06-14T21:58:09+5:302021-06-14T22:18:39+5:30

राजस्थान कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। सचिन पायलट के समर्थक विधायकों की नाराजगी झेल रही कांग्रेस सरकार को लेकर अब बसपा से शामिल हुए विधायकों के भी सुर तीखे हो गए हैं।

Rajasthan: Now the MLAs who came from BSP showed their attitude | राजस्थानः अब बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने दिखाए तेवर, गुढ़ा बोले-10 निर्दलीय और हम नहीं होते तो...

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsकांग्रेस सरकार को लेकर अब बसपा से शामिल हुए विधायकों के भी सुर तीखे हो गए हैं। लाखन सिंह ने मंत्रिमंडल विस्तार की मांग करते हुए कहा कि इससे कार्यकुशलता बढ़ेगी। बसपा विधायक ने की प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां करने की मांग।

राजस्थानकांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। सचिन पायलट के समर्थक विधायकों की नाराजगी झेल रही कांग्रेस सरकार को लेकर अब बसपा से शामिल हुए विधायकों के भी सुर तीखे हो गए हैं। करौली से विधायक लाखन सिंह ने मंत्रिमंडल विस्तार की मांग करते हुए कहा कि इससे सरकार की कार्यकुशलता बढ़ेगी। वहीं, उदयपुरवाटी से विधायक राजेन्द्र गुढा ने बेहद तीखे शब्दों में कहा कि एक साल पहले यदि बसपा से कांग्रेस में आने वाले छह विधायक और 10 निर्दलीय नहीं होते तो आज सरकार की प्रथम पुण्यतिथि की तैयारी होती।

सत्ताधारी कांग्रेस सरकार राजनीतिक नियुक्तियों व मंत्रिमंडल विस्तार में टालमटोल को लेकर अपनी ही पार्टी और सचिन पायलट समर्थक विधायकों की नाराजगी झेल रही है। वहीं बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी उसे आंख दिखा रहे हैं। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में से तीन लाखन सिंह, राजेन्द्र गुढा और संदीप यादव ने जयपुर में यादव के निवास पर मुलाकात की। उन्होंने इसे एक सामान्य बैठक बताया। 

लाखन सिंह ने कहा, 'राज्य में नौ मंत्रियों की सीट खाली है। कुछ विभाग पूर्णतया सरकारी अधिकारियों पर निर्भर हैं और यदि उन विभागों में मंत्रियों की नियुक्ति हो जाये तो वो अच्छे तरीके से काम करेंगे। मुझे उम्मीद है जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।' वहीं दूसरी ओर, पूर्व मंत्री और उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार को कहा, 'आज से लगभग 11 महीने पहले 19 विधायक कांग्रेस को छोड़कर चले गये थे और यदि बसपा से कांग्रेस में आने वाले छह विधायक और 10 निर्दलीय नहीं होते तो आज सरकार की प्रथम पुण्यतिथि की तैयारी होती।'

उन्होंने कहा कि इस मामले में आलाकमान को गणित लगाने की जरूरत कहां है। सीधा सा गणित है कि यदि 10 निर्दलीय और छह बसपा के लोग उस समय सरकार को नहीं बचाते तो आज सरकार की प्रथम पुण्यतिथि की तैयारी होती। आलाकमान को यह बात समझ में क्यों नहीं आ रही है, मुझे पता नहीं है। 

तीनों विधायकों की बैठक को लेकर अलवर के तिजारा से विधायक यादव ने कहा कि यह सामान्य बैठक थी और उन्होंने मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। लाखन सिंह, राजेन्द्र गुढा, संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, जोगेन्द्र अवाना ने 2018 में विधानसभा चुनाव बसपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा और जीता था। सितम्बर 2019 में बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। पिछले साल पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व से बगावत करने के बाद बसपा के इन छह विधायकों ने अशोक गहलोत गुट को समर्थन दिया था। 

पायलट गुट ने सरकार और पार्टी आलाकमान पर मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि पिछले वर्ष पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों का अभी तक समाधान नहीं हुआ है। इस बीच, राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने बहुप्रतीक्षित राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत करते हुए सोमवार को 33 निकायों में 196 नगर पालिका व नगर परिषद सदस्यों का मनोनयन किया। 

 

Web Title: Rajasthan: Now the MLAs who came from BSP showed their attitude

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