राजस्थान नगर निगम चुनावः 58.96 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले, भाजपा और कांग्रेस में टक्कर, 951 प्रत्याशी, 16 लाख से अधिक मतदाता
By भाषा | Published: October 29, 2020 08:53 PM2020-10-29T20:53:43+5:302020-10-29T20:53:43+5:30
राज्य निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता के अनुसार पहले चरण में जयपुर हैरिटेज, जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर नगर निगम के लिए मतदान हो रहा है जहां 16 लाख से अधिक मतदाता 951 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे।
जयपुरः राजस्थान में तीन शहरों में निकाय चुनाव के पहले चरण में बृहस्पतिवार को तीन नगर निगमों के लिए मतदान हुआ जहां शाम साढ़े पांच बजे तक के निर्धारित समय तक 58.96 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले। राज्य निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता के अनुसार मतदान सुबह सुबह 7.30 बजे शुरू हुआ।
शाम 5.30 बजे तक के निर्धारित समय तक 58.96 फीसद मतदान हुआ। हालांकि कई जगह मतदाता अब भी कतार में हैं, इसलिए मतदान का अंतिम आंकड़ा बाद में आएगा। राज्य निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता के अनुसार पहले चरण में जयपुर हैरिटेज, जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर नगर निगम के लिए मतदान हो रहा है जहां 16 लाख से अधिक मतदाता 951 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि जयपुर हैरिटेज के 100, जोधपुर उत्तर के 80 और कोटा उत्तर के 70, कुल 250 वार्डों के लिए मतदान हो रहा है जहां क्रमश: 430, 296 और 225 उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले चरण में 2761 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
सभी छह निगमों में कांग्रेस के बोर्ड बनाएंगे : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को विश्वास व्यक्त किया कि जयपुर, जोधपुर और कोटा के सभी छह नगर निगमों में कांग्रेस जीतेगी। उल्लेखनीय है कि छह में से तीन निगम .. जयपुर हेरिटेज, जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर में गुरुवार को मतदान हुआ। बाकी तीन निगमों में एक नवंबर को मतदान होना है।
गहलोत ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच मतदाताओं ने जिस सावधानी और उत्साह से पहले चरण में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया, उससे उन्हें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस सभी निगमों में विजयी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में विकास और तेज गति तथा जन प्रतिनिधियों की अधिक जवाबदेही के साथ हो सके इसी मकसद से राज्य सरकार ने इन शहरों में तीन के स्थान पर छह नगर निगम बनाये हैं जिससे और अधिक योजनाबद्ध तरीके से विकास संभव हो सके। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस व भाजपा के कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है। भाजपा के लिए जहां इन शहरी निकायों में अपना दबदबा बनाए रखने की चुनौती है। वहीं, कांग्रेस को भरोसा है कि उसकी सरकार के बीस महीने के कामकाज से संतुष्ट मतदाता उसके पक्ष में वोट करेंगे।
दो चरणों में 35.97 लाख से अधिक मतदाता 560 वार्ड पार्षद चुनेंगे
मतदान का पहला चरण बृहस्पतिवार को होगा और दो चरणों में 35.97 लाख से अधिक मतदाता 560 वार्ड पार्षद चुनेंगे। राज्य के जयपुर, जोधपुर व कोटा के नवगठित छह नगर निगमों (जयपुर हैरिटेज, जयपुर ग्रेटर, जोधपुर उत्तर, जोधपुर दक्षिण, कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण) में कुल मिलाकर 560 वार्ड पार्षद के लिए चुनाव हो रहा है। पिछली बार इन तीनों ही जगह भाजपा के बोर्ड थे। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद वार्डों का परिसीमन कर इन तीनों शहरों में दो- दो निगम बनाए हैं और उसके बाद ये पहले चुनाव हैं।
मतदान के पहले चरण में 29 अक्टूबर को जयपुर हैरिटेज, जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर नगर निगमों में मतदान होगा जहां 16.54 लाख से अधिक मतदाता 250 वार्ड पार्षद चुनने के लिए वोट डालेंगे। मतदान का दूसरा चरण एक नवंबर को व मतगणना तीन नवंबर को होगी, लेकिन आंकड़ों से परे इन निगम चुनाव के परिणामों को मुख्यमंत्री गहलोत सहित केंद्र व राज्य के मंत्रियों,विधायकों व भाजपा नेताओं की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है। जोधपुर मुख्यमंत्री गहलोत का गृहनगर है तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी शहर है।
ओम बिरला व राज्य के सबसे कद्दावर मंत्रियों में से एक शांति धारीवाल का गृहनगर
कोटा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राज्य के सबसे कद्दावर मंत्रियों में से एक शांति धारीवाल का गृहनगर है। जयपुर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के साथ-साथ सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। नगर निकायों के लिहाज से ये तीनों शहर भाजपा के गढ़ रहे हैं। पिछली बार तीनों जगह भाजपा के बोर्ड थे। और भाजपा को उम्मीद है कि इस बार भी मतदाता उसके पक्ष में जाएंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के अनुसार राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस 2018 में किए अपने चुनाव वादों पर खरा नहीं उतरी है और मतदाता उसे सबक सिखाएंगे।
उन्होंने कहा,‘‘विकास कार्य पूरी तरह ठप हैं इसलिए हताश व परेशान मतदाता निगम चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठा है, मुझे पूरा विश्वास है कि जनता राज्य से कांग्रेस की विदाई की तैयारी निगम चुनाव से करेगी।’’ वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भरोसा जताया कि इन शहरों के मतदाता कांग्रेस के कामकाज पर मुहर लगाते हुए वहां कांग्रेस का बोर्ड बनाएंगे।
जयपुर हैरिटेज निगम में चुनाव प्रबंधन देख रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता व विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी पूरी उम्मीद है कि मतदाता सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ जाएंगे। उन्होंने कहा,‘‘विकास की शानदार योजनाएं, कोरोना महामारी के दौरान शानदार प्रबंधन और आमजन की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का मुख्यमंत्री गहलोत का प्रयास...बोर्ड कांग्रेस का बनेगा।’’
उल्लेखनीय है कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) भी इन चुनावों में अलग से ताल ठोक रही है। विश्लेषकों का मानना है कि इन निगम चुनाव से भविष्य में होने वाले निकाय चुनावों के रुख का भी पता चलेगा। राज्य में इसके बाद 140 से अधिक निकायों में चुनाव होने हैं।