कोरोना वायरसः टाॅप 5 से राजस्थान बाहर, इधर बीमारी से मोर्चा, उधर जन समस्याओं का इलाज जारी!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: June 25, 2020 04:59 PM2020-06-25T16:59:28+5:302020-06-25T16:59:28+5:30
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार ने निरंतर प्रयास करते हुये कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया है. इन प्रयासों के तहत प्रदेश में अधिक-से-अधिक टेस्ट करने पर फोकस रखा गया जिसके परिणामस्वरूप राज्य में रिकवरी दर 77 प्रतिशत से अधिक व मृत्यु दर 2.32 प्रतिशत है.
जयपुरः कोरोना वायरस से लड़ने में राजस्थान अव्वल रहा है. इस वक्त जो राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उनकी टाॅप 5 की सूची से राजस्थान बाहर है.
राजस्थान में अब तक 15232 पॉजिटिव मामले (भारतीय और विदेशी नागरिक) सामने आए थे, जिनमें से 11910 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि अब तक 356 व्यक्तियों की मौत हो गई. हालांकि, कोरोना संक्रमण का खतरा अभी भी बना हुआ है, लेकिन मृत्यु दर बेहद कम है, लिहाजा अब जनजीवन सामान्य बनाने के लिए विभिन्न उपायों पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार ने निरंतर प्रयास करते हुये कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया है. इन प्रयासों के तहत प्रदेश में अधिक-से-अधिक टेस्ट करने पर फोकस रखा गया जिसके परिणामस्वरूप राज्य में रिकवरी दर 77 प्रतिशत से अधिक व मृत्यु दर 2.32 प्रतिशत है.
यही नहीं, उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में ई.सी.जी. टेक्नीशियन के 195 रिक्त पदों पर भर्ती को मंजूरी भी दे दी है. उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इन पदों को सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने के संबंध में प्रस्ताव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा वित्त विभाग को भेजा गया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त विभाग के 18 अक्टूबर, 2019 को जारी राजकीय मितव्ययता परिपत्र के अनुसार रिक्त पदों को भरे जाने के लिए वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग की पूर्व सहमति लेना आवश्यक है, इसलिए सीएम गहलोत ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अत्यावश्यक प्रकरण मानकर इसमें शिथिलन देते हुए 195 ई.सी.जी. टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती की मंजूरी दी है.
याद रहे, वर्ष 2018 में वित्त विभाग द्वारा 362 ई.सी.जी. टेक्नीशियन के रिक्त पद भरने की सहमति दी गई थी. इनमें से 112 पदों पर नियुक्ति की गई थी एवं 55 पद न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों के लिए रिक्त रखे जाने के बाद 195 पद खाली पड़े हुए थे.
इधर, राजस्थान आने वाले प्रवासी मजदूरों को तत्काल राहत तो मिल गई थी, लेकिन अब इन मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के लिए विशेष योजनाएं प्रारंभ करने की जरूरत महसूस की जा रही है. इतना ही नहीं, स्थितियां सामान्य होने के मद्देनजर बेरोजगार युवा भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी!