राजस्थानः सीएम गहलोत ने दी युवाओं को सौगात, तीन गुना चयनित अभ्यर्थियों की सूची विभागों को भेजेगा कर्मचारी चयन बोर्ड
By धीरेंद्र जैन | Published: September 23, 2020 09:35 PM2020-09-23T21:35:49+5:302020-09-23T21:35:49+5:30
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग तथा मुद्रण एवं लेखन साम्रगी विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चयनित अभ्यर्थियों की पूरी सूची विभाग को एक साथ उपलब्ध नहीं होने से अभ्यर्थियों को समय पर जॉइनिंग देने में कठिनाई होती है।
जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए निर्देश दिये हैं कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड किसी भी भर्ती में स्वीकृत पदों के तीन गुना चयनित अभ्यर्थियों की सूची सम्बन्धित विभाग को भेजेगा।
इससे अभ्यर्थियों के जॉइन नहीं करने की स्थिति में संबंधित विभाग को बार-बार चयन बोर्ड से सूची नहीं मंगवानी पड़ेगी और अन्य अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिये बुलाने एवं उनकी जॉइनिंग का काम समय पर पूरा हो सकेगा। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग तथा मुद्रण एवं लेखन साम्रगी विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चयनित अभ्यर्थियों की पूरी सूची विभाग को एक साथ उपलब्ध नहीं होने से अभ्यर्थियों को समय पर जॉइनिंग देने में कठिनाई होती है।
वर्तमान व्यवस्था में चयन बोर्ड द्वारा डेढ़ गुना अभ्यर्थियों की सूची विभाग को भेजी जाती है। अब तीन गुना चयनित अभ्यर्थियों की सूची मिलने से विभाग को जॉइन नहीं करने वाले अभ्यर्थियों की जगह मेरिट में नीचे के अभ्यर्थियों को पोस्टिंग देने मेें आसानी होगी। स्थानांतरण के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किये जाएं - मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों द्वारा स्थानांतरण के लिए सिर्फ ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किये जाएं। ऑफलाइन भेजे गये आवेदन पर किसी तरह का विचार नहीं किया जाए।
जनप्रतिनिधियों द्वारा स्थानांतरण के लिए की गई सिफारिशों का सभी विभागों द्वारा ऑनलाईन रिकॉर्ड भी रखा जाए। प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राजकीय अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानान्तरण हेतु सरल, पारदर्शी, तटस्थ एवं निष्पक्ष व्यवस्था लागू करने के संबंध में स्थानान्तरण नीति का प्रारूप तैयार किया गया है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गये पत्रों की समुचित मॉनिटरिंग - मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गये पत्रोेेें की समुचित मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया जाए जिस पर सूचना अपलोड हो ताकि जनप्रतिनिधियों को उसकी जानकारी मिल सके। मुख्यमंत्री ने मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग की वर्तमान स्थिति एवं जयपुर, जोधपुर, उदयपुर तथा अलवर में विभाग की प्रिंटिंग प्रेस के बारे में प्रस्तुतिकरण देखा एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
सुशासन एवं पारदर्शिता के लिए आमजन से जुड़ी सेवाएं 30 मार्च तक ऑनलाइन की जाएं -मुख्यमंत्री
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि राजस्थान लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2011 और राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 के तहत विभिन्न विभागों की 221 नागरिक सेवाओं को 30 मार्च, 2021 तक ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को इसके लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर गुड गवर्नेंस के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को गति देने के निर्देश दिए।
वीडियो कॉन्फे्रंस के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए सभी विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं तथा पूरी गंभीरता से निर्धारित तिथि तक आमजन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण सेवाओं की ऑनलाइन उपलब्धता सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में आम लोगों को राजकीय सेवाओं की डिलिवरी के लिए 80 हजार ई-मित्र केन्द्रों तथा राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के रूप में पंचायत स्तर तक एक वृहद नेटवर्क उपलब्ध है। सभी विभागों को इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि आम लोगों को इसका सीधा फायदा मिल सके और उन्हें दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ें।
उन्होंने विभाग द्वारा विभिन्न राजकीय सेवाओं की ऑनलाइन डिलिवरी के लिए सॉफ्टवेयर, पोर्टल तथा एप सहित अन्य आईटी आधारित मॉड्यूल्स तैयार करने का काम आउटसोर्स करने के स्थान पर अपने ही विभाग के दक्ष एवं कुशल कार्मिकों से करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयं सॉफ्टवेयर तैयार करने से विभाग के पास उपलब्ध कुशल मानवीय संसाधन का उपयोग होगा तथा अनवाश्यक व्यय को रोका जा सकेगा।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि विभाग ने सेंटर फॉर एप्लीकेशन्स डवलपमेंट (सीएडी) नाम से तकनीकी विशेषज्ञता आधारित कार्मिकों का पूल गठित कर इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने नियुक्तियों में अभ्यर्थियों के ऑनलाइन सत्यापन और प्रमाणीकरण, निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों में टेंडर प्रक्रियाओं को ऑनलाइन करने, प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण (डीबीटी) व्यवस्था को सुदृढ़ करने, डिजिटल शिक्षा की पहुंच के विस्तार सहित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने में विभिन्न आईटी प्लेटफाम्र्स के उपयोग को गति देने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, एसीएस वित्त निरंजन आर्य, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।