राजस्थान में मनमाने तरीके से इंटरनेट पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल

By विशाल कुमार | Published: November 8, 2021 01:23 PM2021-11-08T13:23:14+5:302021-11-08T13:28:13+5:30

कोई भी राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा होने पर मनमाने तरीके से इंटरनेट बंद करने को राजस्थान सरकार का एकमात्र हथियार बताते हुए एक वकील ने जयपुर और कई अन्य जिलों में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है.

rajasthan internet shutdown pil supreme court ashok gehlot | राजस्थान में मनमाने तरीके से इंटरनेट पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान में परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए इंटरनेट बंद करने का मामला.वकील ने इंटरनेट निलंबन को मनमाना और अवैध बताया.इंटरनेट पर प्रतिबंध जनता के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन.

नई दिल्ली: कोई भी राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा होने पर मनमाने तरीके से इंटरनेट बंद करने को राजस्थान सरकार का एकमात्र हथियार बताते हुए एक वकील ने जयपुर और कई अन्य जिलों में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट निलंबन को मनमाना और अवैध बताते हुए वकील विशाल तिवारी ने 27.10.2021 को राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राजस्थान प्रशासनिक सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा आयोजित करने के लिए जयपुर मंडल के आयुक्त कार्यालय से जारी 26 अक्टूबर, 2021 के आदेश को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की है.

याचिकाकर्ता ने राजस्थान सरकार और अन्य उत्तरदाताओं को न्यायिक सेवाओं, डिजिटल अदालती सुनवाई या मामलों के ई-दाखिलों को भविष्य में इंटरनेट बंद करके बाधित न करने के लिए निर्देश देने की मांग की है.

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए इंटरनेट बंद करना राजस्थान राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग की अक्षमता को दर्शाता है.

याचिका में कहा गया है कि इस तरह का आदेश व्यापक पैमाने पर जनता के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है.

बता दें कि, हाल ही में एक आरटीआई के माध्यम से पता चला था कि राजस्थान के सात मंडलों में से एक उदयपुर में 10 जनवरी, 2020 से 30 सितंबर, 2021 तक कम से कम 26 बार इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया जा चुका है.

जबकि 10 जनवरी, 2020 को कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि  दूरसंचार सेवाओं, भले ही इंटरनेट सेवा हो, को पूरी तरह निलंबित करना कठोर उपाय है और ‘आवश्यक होने’या ‘कोई अन्य उपाय नहीं होने’की स्थिति में ही इस पर विचार करना चाहिए.

Web Title: rajasthan internet shutdown pil supreme court ashok gehlot

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