राजस्थानः अपर्याप्त रेल, हवाई सेवा और सड़क मार्ग, पर्यटन विकास की सबसे बड़ी बाधाएं हैं!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 22, 2019 05:55 AM2019-08-22T05:55:10+5:302019-08-22T05:55:10+5:30
राजस्थान में दो अलग-अलग तरह के और बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल हैं. एक ओर रेगिस्तान है, तो दूसरी ओर कश्मीर का अहसास कराने वाला हराभरा क्षेत्र है, लेकिन अपर्याप्त रेल, हवाई सेवा और सड़क मार्ग के कारण पर्यटक संपूर्ण राजस्थान देख नहीं पाते हैं.
देश-विदेश में राजस्थान का जितना आकर्षण है, उसके मुकाबले प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बहुत कम है. इसकी खास वजह यह है कि राजस्थान में रेल, हवाई सेवा और सड़क मार्ग, अपर्याप्त हैं. यही नहीं, कई जगहों पर तो यह उपलब्ध ही नहीं हैं. नतीजा यह है कि ज्यादातर देशी-विदेशी पर्यटक जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे प्रसिद्ध शहरों की परिक्रमा करके ही राजस्थान दर्शन पूरा मान लेते हैं.
नई दिल्ली के अशोक होटल में हाल ही आयोजित राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के एक दिवसीय सम्मेलन में भाग लेते हुए राजस्थान के पर्यटन राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि राजस्थान में पर्यटन की संभावनाओं को साकार करने के लिए केंद्रीय सहयोग अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के ’वाइल्डलाइफ पर्यटन सर्किट’ के साथ-साथ दो अन्य प्रोजेक्ट ’डेर्जट सर्किट’ और ’इको एडवेंचर सर्किट’ का परीक्षण करवाकर जल्द स्वीकृति प्रदान की जावे, ताकि पर्यटकों को बेहतर अवसर उपलब्ध करवाए जा सकें.
उन्होंने दिल्ली के करीब ’गोल्डन ट्रायंगल’ के नजदीक ’डीग-भरतपुर-कुम्हेर सर्किट’ को भी स्वीकृत करने के लिए विचार करने की मांग भी की. उनका कहना था कि शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए एक ’ओपन आर्ट गैलरी’ को सर्किट के रूप में विकसित किया जाए ताकि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके.
प्रदेश में पयर्टन विकास की बाधाओं का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में पर्यटन से जुड़ी काफी योजनाओं के कार्यान्वयन में फॉरेस्ट लैंड पर स्वीकृतियों की समस्याएं आ रही है. उन्होंने केंद्रीय मंत्रालय से आग्रह किया कि राजस्थान में पर्यटन साइटों के पूर्ण विकास हेतु फॉरेस्ट लैंड से जुड़े हुए तमाम मुद्दों को जल्दी-से-जल्दी सुलझाने में सहयोग किया जाए, ताकि राजस्थान में नेचुरल पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके.
उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की- ’बेड ब्रेकफास्ट होमस्टे स्कीम’ के दिशा-निर्देशों में आंशिक संशोधन की मांग करते हुए कहा कि इसके चिन्हीकरण के लिए निर्धारित समिति का अध्यक्ष भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक के स्थान पर राज्य के निदेशक, पर्यटन को होना चाहिए, जिससे जिला स्तर पर इस स्कीम का प्रभावी रूप से कार्यान्वयन और इसका समन्वय हो सके.
उन्होंने प्रदेश के पर्यटन से जुड़े कईं और मुद्दों का भी जिक्र करते हुए कहा कि विदेशी मार्केटों में भारत की मार्केटिंग के जो प्रयास किए जाएं उनमें राजस्थान के पर्यटन महत्व को दृष्टिगत रखते हुए जो भी प्रचार-प्रसार सामग्री बनाई जाए उसमें राजस्थान के पर्यटक उत्पादों को विशेष रूप से शामिल किया जाए.
उनका कहना था कि राजस्थान में पर्यटन को सुरक्षित और पर्यटक की मांग के अनुरूप विकसित करने के लिए पर्यटकों की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए महत्वर्पूण है और इसीलिए हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा कि थी कि किसी भी पर्यटक को सुरक्षा संबंधी कोई भी समस्या आती है, तो वह सीधे एसपी ऑफिस में प्राथमिकी दर्ज करवा सकता है, जिससे त्वरित र्कारवाई की जा सके.
राजस्थान में दो अलग-अलग तरह के और बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल हैं. एक ओर रेगिस्तान है, तो दूसरी ओर कश्मीर का अहसास कराने वाला हराभरा क्षेत्र है, लेकिन अपर्याप्त रेल, हवाई सेवा और सड़क मार्ग के कारण पर्यटक संपूर्ण राजस्थान देख नहीं पाते हैं.