राजस्थानः अधिकारियों की ली गई 'क्लास', कहा-'समय से योजना पूरी नहीं होने पर की जाएगी कार्रवाई'
By रामदीप मिश्रा | Published: January 9, 2019 08:05 PM2019-01-09T20:05:09+5:302019-01-09T20:05:09+5:30
सिंह बुधवार को शासन सचिवालय में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, जिला संख्यिकी अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से विभाग की समस्त प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संबोधित कर रहे थे।
राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे चौदहवें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग सहित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधीन संचालित योजनाओं के सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करें नहीं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सिंह बुधवार को शासन सचिवालय में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, जिला संख्यिकी अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से विभाग की समस्त प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चौदहवें वित्त आयोग के तहत कराये जाने वाले कार्यों यथा सीसी रोड, नाली, खरन्जा, स्वच्छता, पेयजल, इन्टरलोकिंक, सार्वजनिक शौचालयों, हैंडपम्प और अन्य कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की खराब हालत व अन्य कार्यों की कमजोर गुणवत्ता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जिला परिषदों के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी राज्य वित्त आयोग की गाइड लाइन की पालना करें।
महानरेगा को अधिकार आधारित योजना बनाने के लिए उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम के इच्छुक लोगों के प्रपत्र 6 भराएं, नये जॉब कार्ड का पंजीकरण करें, नरेगा श्रमिकों को भुगतान संबंधी जानकारी आम सभा में दे व ज्यादा से ज्यादा नरेगा श्रमिकों को जागरूक करें कि नरेगा के तहत 90 दिन काम करने पर श्रम विभाग से अनेक लाभ मिलते है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने 30 करोड़ कार्यदिवस सृजित करने के लक्ष्य पर जोर देते हुए कहा कि अधिकारी अपनी कार्य क्षमता व बुद्धिमता का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें, क्योंकि इस वित्तीय वर्ष में 8 करोड़ कार्य दिवस बढ़ाये जाने है। इसके लिए अधिकारी प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित करें साथ ही ग्राम पंचायत विकास योजनाओं को प्राथमिकता दें।