राजस्थान सरकार बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लाएगी 'राइट टू हेल्थ' बिल
By रामदीप मिश्रा | Published: June 3, 2019 08:41 AM2019-06-03T08:41:46+5:302019-06-03T08:41:46+5:30
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल व स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें हृदय रोग, कैंसर व किडनी जैसे रोगों के इलाज के लिए भी दवाइयां उपलब्ध करा रही है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर युवक को चिकित्सा की बेहतर सुविधा मिले, इसके लिए सरकार 'राइट टू हेल्थ' बिल पर काम कर रही है। जल्द ही इस बिल को राज्य में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की दुनियाभर में सराहना की गई है। वर्तमान में लगभग 17 राज्यों ने इस योजना से प्रेरित होकर अपने यहां योजनाएं लागू कर रखी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल व स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें हृदय रोग, कैंसर व किडनी जैसे रोगों के इलाज के लिए भी दवाइयां उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी के लिए हृदय रोगों का उपचार कराना मुश्किल कार्य होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने श्री सत्य साई हार्ट हॉस्पिटल राजकोट व अहमदाबाद के साथ एमओयू किया है। इसके अन्तर्गत राज्य के हृदय रोगियों का निःशुल्क इलाज अहमदाबाद व राजकोट में स्थित सत्य साई हार्ट हॉस्पिटल में हो सकेगा। मरीजों व उनके परिजनों को आवागमन के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 हजार रुपये की सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
सीएम गहलोत ने कहा कि सत्य साई सेवा ट्रस्ट साई बाबा के संदेश व भावना को आगे बढ़ाते हुए आर्थिक रूप से कमजोर हार्ट के मरीजों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। ऐसे निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन गरीब लोगों को राहत देने वाला होता है।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा क्षेत्र में काम कर रहे निजी संस्थानों से अपील की कि वे चिकित्सा सेवा को व्यापार नहीं बनाकर इसे मानव सेवा का साधन बनाएं। मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष जैसी पूर्व में लागू की गई योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।