मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को दी बड़ी सौगातें, किसानों के लिए की ये घोषणाएं
By रामदीप मिश्रा | Published: January 24, 2019 02:46 PM2019-01-24T14:46:38+5:302019-01-24T14:46:38+5:30
मुख्यमंत्री ने राज्य के दुग्ध उत्पादकों के लिए हुए उन्हें दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर बोनस देने की घोषणा की। यह बोनस राजस्थान कॉओपरेटिव डेयरी फैडरेशन से सम्बद्ध सहकारी समितियों के सदस्यों को दिया जाएगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों व विशेषकर किसानों को कई सौगातें दी हैं। उन्होंने विधानसभा में कई महत्वपूर्ण घोषणा की हैं। सीएम गहलोत ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल बीपीएल, स्टेट बीपीएल लाभार्थियों और अन्त्योदय परिवारों को एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं देने की घोषणा की। इस फैसले से प्रदेश के 1 करोड़, 74 लाख गरीब लोगों को फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य के दुग्ध उत्पादकों के लिए हुए उन्हें दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर बोनस देने की घोषणा की। यह बोनस राजस्थान कॉओपरेटिव डेयरी फैडरेशन से सम्बद्ध सहकारी समितियों के सदस्यों को दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने 5 हजार नए सरस डेयरी बूथ खोलने की घोषणा भी की। इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
सीएम गहलोत ने कहा कि जिन किसानों का 8 जनवरी, 2019 तक मण्डी समिति का गेट पास बन गया था, लेकिन उस समयावधि में मूंग की तुलाई नहीं हो सकी थी, ऐसे किसानों की जिला कलेक्टर से प्राप्त प्रमाणित सूची के आधार पर सरकार वैकल्पिक व्यवस्था कर उनसे मूंग की खरीद करेगी। समर्थन मूल्य पर मूंग खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 40 प्रतिशत किये जाने एवं मूंग खरीद की अवधि बढ़ाने के लिए मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दो बार पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री ने लघु एवं सीमान्त श्रेणी के वृद्ध किसानों को भी वृद्धावस्था पेंशन देने की घोषणा की। सीएम गहलोत ने कृषकों के हित में ऋण माफी के दायरे को और बढ़ाते हुए भूमि विकास बैंक एवं सीसीबी के लघु एवं सीमांत कृषकों के अवधिपार 2 लाख रूपये तक के बकाया मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण माफ करने की घोषणा की। इससे किसानों की करीब 4 लाख बीघा कृषि भूमि जो गिरवी रखी है वह रहन से मुक्त हो सकेगी।
सीएम ने घोषणा की कि समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार किसानों के हित में विशेष पैकेज लागू करेगी। इस संबंध में कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखण्ड, उड़ीसा, गुजरात और पंजाब द्वारा ऋणी किसानों के लिए लागू की गई योजना का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। राज्य सरकार प्रयास करेगी कि हमारा पैकेज इन राज्यों से अच्छा और किसानों के हित में हो।
उन्होंने कहा कि ऐसे किसान जिन्होंने कृषि ऋण लिया था लेकिन कृषि उपज का उचित मूल्य प्राप्त नहीं होने के कारण मजबूर होकर आत्महत्या कर ली उनके परिवारों के प्रति संवेदना रखते हुए जिला कलक्टर के प्रस्ताव पर उनके बकाया ऋण माफ किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों के 50 हजार रूपये तक के सहकारी बैंकों से लिए गए लघु अवधि फसली ऋण ही माफ किये थे। अब हमारी सरकार ने लघु एवं सीमान्त सहित सभी किसानों के ऋण माफ करने का फैसला किया है जिन्होंने सहकारी बैकों से ऋण ले रखे हैं।
सीएम गहलोत ने कहा कि पूववर्ती सरकार ने किसानों की ऋण माफी के लिए मात्रा 2 हजार करोड़ रूपये का ही बजट प्रावधान किया। जबकि ऋण माफी के लिए 8 हजार करोड़ का प्रावधान किया जाना था अब शेष 6 हजार करोड़ रूपये का भार हमारी सरकार वहन करेगी।