राजस्थान सरकार का फैसला, छात्रों को पढ़ाई जाएगी विंग कमाडंर अभिनंदन की शौर्यगाथा
By रामदीप मिश्रा | Published: March 6, 2019 04:58 PM2019-03-06T16:58:01+5:302019-03-06T16:58:58+5:30
सूबे के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि हमारी सेनाओं ने अपने प्राणों की आहुति देते हुए हमें सुरक्षित रखा है इसलिए आने वाली पीढ़ी को हमारी सेनाओं की बहादुरी प्रेरित करे इसके लिए लिए पाठ्यपुस्तकों में विंग कमांडर अभिनंदन को शामिल करने के लिए दिशानिर्देश दे दिए गए हैं।
वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के बहादुरी के चर्चे आजकल हर किसी के जुबान पर हैं। यही नहीं बहादुरी को आने वाली पीढ़ी भी याद रखे इसके लिए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। दरअसल, प्रदेश सरकार अभिनंदन की बहादुरी की गाथा स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है।
सूबे के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि हमारी सेनाओं ने अपने प्राणों की आहुति देते हुए हमें सुरक्षित रखा है इसलिए आने वाली पीढ़ी को हमारी सेनाओं की बहादुरी प्रेरित करे इसके लिए लिए पाठ्यपुस्तकों में विंग कमांडर अभिनंदन को शामिल करने के लिए दिशानिर्देश दे दिए गए हैं।
इससे पहले मंत्री डोटासरा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, 'जोधपुर से पढ़े, हाल ही में पाकिस्तान की सरजमीं से अपने साहस एवं वीरता का परिचय देते हुए वापस लौटने वाले विंग कमांडर अभिनंदन के शौर्य के सम्मानस्वरूप सरकार ने अभिनंदन की शौर्य की कहानी को राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया है।'
जोधपुर से पढ़े, हाल ही में पाकिस्तान की सरजमीं से अपने साहस एवम वीरता का परिचय देते हुए वापस लौटने वाले विंग कमांडर अभिनंदन के शौर्य के सम्मानस्वरूप सरकार ने अभिनंदन की शौर्य की कहानी को राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया है।#AbhinandanDiwas@DIPRRajasthanpic.twitter.com/MRjSLLWJxs
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) March 4, 2019
आपको बता दें अभी हाल ही में मंत्री डोटासरा ने निर्देश दिए थे कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पाठ्यपुस्तकों में देश के लिए शहीद होने वाले वीरों की प्रेरणास्पद शौर्य गाथाओं को सम्मिलित किया जाए। इसके बाद उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पाठ्यक्रम निर्धारण समिति को इस संबंध मे प्रस्ताव भी भिजवाया था जिसे स्वीकार करते हुए शहीदों की गौरव गाथाओं के लेखन का कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया है।
मंत्री डोटासरा ने बताया था कि शहीदों की जीवनियां से विद्यार्थियों को प्रेरणा देने और उन्हें देशभक्ति से ओत-प्रोत करने के लिए पाठ्य पुस्तकों में उनसे जुड़े किस्से-कहानियों को खासतौर से सम्मिलित किए जाने के लिए पाठ्य पुस्तक निर्धारण समितियों को प्रस्ताव दिए थे, जिन्हें स्वीकार कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।