राजस्थान सरकार रख रही प्रवासी श्रमिकों के सेहत का ख्याल, चिकित्सा जांच के साथ काउंसलिंग पर भी ध्यान
By भाषा | Published: May 23, 2020 08:47 PM2020-05-23T20:47:49+5:302020-05-23T20:47:49+5:30
राजस्थान सरकार राज्य में आए विदेश और अन्य राज्यों से लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति के सेहत का ख्याल रख रही है। चिकित्सा जांच के अलावा पृथक-वास केन्द्रों में मनोचिकित्सकों से उनकी काउंसलिंग भी करा रही है ताकि वे कोई मानसिक परेशानी महसूस ना करें।
जयपुर: राजस्थान सरकार विदेश और अन्य राज्यों से लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति की ना सिर्फ चिकित्सा जांच करवा रही है बल्कि पृथक-वास केन्द्रों में मनोचिकित्सकों से उनकी काउंसलिंग भी करा रही है ताकि वे कोई मानसिक परेशानी महसूस ना करें। राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने शनिवार को बताया कि बाहर से राजस्थान लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य रूप से पृथक-वास में रखा जा रहा है ऐसे में उनके मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सभी की काउंसलिंग कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों और विदेश से करीब 10 लाख प्रवासी राजस्थान लौटे हैं और उनमें से करीब सवा सात लाख लोगों को अपने घर में, 34 हजार लोगों को 10 हजार संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में पृथक-वास में रखा गया है। उन्होंने कहा कि सभी केन्द्रों में खाने-पीने से लेकर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस बीच राज्य में डूंगरपुर, सिरोही, पाली, जालौर, बीकानेर सहित 17 जिले में 1300 से ज्यादा प्रवासी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोविड-19 के मामले और बढ़ सकते हैं, लेकिन यदि सभी लोगों ने कड़े अनुशासन से पृथक-वास के नियमों का पालन किया तो कोई परेशानी नहीं होगी। गौरतलब है कि राज्य में जिन लोगों को अपने घर में ही सभी से अलग रहने को कहा गया है कि उन सभी से बांड भरवाया जा रहा है कि वे 14 दिन तक पृथक-वास के नियमो का पालन करेंगे, उसका उल्लंघन नहीं करेंगे।
उक्त व्यक्ति के दो पड़ोसियों को गवाह बनाया जा रहा है ताकि वे नियमों का उल्लंघन ना करें। यदि कोई पृथक-वास के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे सरकारी पृथक-वास केन्द्र भेज दिया जाता है।