राजस्थान चुनावः मतदाताओं की नब्ज जांचने चुनावी समर में उतरे कई 'डॉक्टर'
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 20, 2018 06:46 AM2018-11-20T06:46:19+5:302018-11-20T06:46:19+5:30
राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है. इस बार दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस तथा भाजपा ने 2013 की तुलना में अधिक डॉक्टरों को चुनाव के मैदान में भाग्य आजमाने का मौका दिया है.
राज्य के विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने वालों में अनेक ऐसे हैं,जो अपने नाम के आगे ‘डॉक्टर’ लगाते हैं. इनमें कुछ पेशेवर चिकित्सक हैं तो कुछ शोधार्थी यानी पीएचडी धारक. हालांकि इनमें से कितने ‘डॉक्टर’ आम मतदाताओं की नब्ज सही सही पहचान पाते हैं. इसका पता तो सात दिसंबर को मतदान के बाद ही चलेगा.
राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है. इस बार दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस तथा भाजपा ने 2013 की तुलना में अधिक डॉक्टरों को चुनाव के मैदान में भाग्य आजमाने का मौका दिया है. इनमें ह्रदय रोग विशेषज्ञ, रेडियो थैरेपी विशेषज्ञ, फिजिशियन, प्रोफेसर व पीएचडी धारक डॉक्टर शामिल है.दोनों प्रमुख दलों की बात की जाए तो 2018 के इस विधानसभा चुनाव में कुल 18 ‘डॉक्टर चुनाव मैदान में हैं.
इनमें से कांग्रेस से 11 व भाजपा से सात प्रत्याशी हैं. भाजपा के डॉक्टर प्रत्याशियों की बात की जाए तो हनुमानगढ़ से विधायक डॉ.रामप्रताप, खाजूवाला से विधायक विश्वनाथ व डीग से डॉ. शैलेष सिंह शामिल है. पार्टी की सूची में डॉक्टरेट डिग्री धारक डॉ. मंजू बाघमार (जायल), फूल चंद भींडा (विराटनगर) तथा डॉ. अरूण चतुव्रेदी (सिविल लाइंस जयपुर) है.
वहीं कांग्रेस ने एसएमएस अस्पताल के रेडियोलाजी विभाग के प्रमुख डॉ. आर सी यादव को बहरोड़ से प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने 2013 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा. अलवर से मौजूदा सांसद डॉ.करण सिंह यादव को मुंडावर सीट से टिकट दी गई है. अन्य में खेतड़ी से डॉ. जितेंद्र सिंह, धौलपुर से डॉ. शिव चरण का नाम है. इसके साथ ही कुछ डॉक्टरेट डिग्रीधारक भी इस बार चुनाव मैदान में है.