राजस्थान में CM के नाम को लेकर घमासान, गहलोत Vs पायलट की लड़ाई में फंसे राहुल गांधी
By स्वाति सिंह | Published: December 13, 2018 01:14 PM2018-12-13T13:14:07+5:302018-12-13T13:14:07+5:30
राजस्थान चुनाव में कांग्रेस ने चुनावी मैदान में दो दिग्गजों को उतारा था। एक अशोक गहलोत और दूसरे सचिन पायलट। दोनों ही नेताओं का सियासी सफर बेहद ही उम्दा है।
राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद अब मुख्यमंत्री के नाम को लेकर घमासान मचा हुआ है।राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम के लिए पार्टी के दो वरिष्ट नेताओं का नाम सामने आ रहा है।एक अशोक गहलोत और दूसरे सचिन पायलट।सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही राहुल गांधी से मिलने गुरुवार को दिल्ली पहुंचे।
जानें कौन है सचिन पायलट?
सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने में सचिन ने अहम भूमिका निभाई है।इसके साथ ही यह पार्टी के युवा नेताओं में हैं ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह सीएम बने।पायलट समर्थक युवा नेता को राजस्थान की कमान देने की मांग पर अड़े हैं।बता दें कि सचिन पायलट मात्र 26 वर्ष की उम्र में सांसद बन गए थे।इसके बाद 31 वर्ष में यह मंत्री और 33 साल की उम्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष। अपनी इन्हीं खास बातों से के कारण वह सीएम की रेस में आगे हैं।
सचिन पायलट ने काफी कम उम्र में बहुत नाम कमाया। यह प्रदेश के दिग्गज नेताओं में से एक हैं।सचिन पायलट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी मानें जाते हैं। इनकी शुरुआती पढ़ाई नई दिल्ली के एयरफोर्स बाल भारती स्कूल में हुई।इसके बाद उन्होंने कॉलेज भी दिल्ली से किया।इसके बाद वह आगे की पढाई के लिए अमेरिका गए।उन्होंने बीए ऑनर्स (इंग्लिश) की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की।
सचिन पायलट 26 साल की उम्र में सांसद बनकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में अपनी जगह बनाई। 2008 में जब कांग्रेस लगातार दूसरी बार केंद्र में आई तो सचिन को मंत्रिमंडल में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बना दिया गया। फिलहाल, वो राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष और नवनिर्वाचित विधायक हैं।
जानें कौन है अशोक गहलोत?
अशोक गहलोत तो दो बार राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। आइए जानते हैं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ट नेता अशोक गहलोत के बारे कुछ बातें। अशोक गहलोत को घूमना-फिरना बेहद पसंद है। यही नहीं एक बहुत दिलचस्प बात यह है कि जहां भी जाते हैं बिस्कुट का पैकेट जरुर रखते हैं। क्योंकि उन्हें कड़ाकेदार चाय पसंद है और वह चाय के साथ बिस्कुट खाना पसंद करते हैं।
इनकी कुल संपति लगभग 6 करोड़ 44 लाख रुपये की है लेकिन वावजूद इसके इनके पास कोई कोई गाड़ी नहीं है। अशोक गहलोत के पिता पेशे से जादूगर थे। बताया जाता है कि गहलोत ने भी अपने पिता से यह हुनर सीखा था। यही नहीं बल्कि कुछ समय तक तो उन्होंने जादूगरी में अपना हाथ भी आजमाया था।
गहलोत का लाइफस्टाइल बेहद साधारण है इसके कारण इन्हें राजस्थान का गांधी भी कहा जाता रहा है।अशोक गहलोत सबसे पहले 1980 में संसद चुने गए थे।वह लगातार चार बार सांसद रहने का मौका मिला है।इसके बाद साल 1999 से लेकर अभी तक सरदारपुरा सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव जीता है। यूपीए सरकार के दौरान केंद्र में भी गहलोत ने अहम भूमिका निभाई है। साल 1982 से 1993 के बीच उन्होंने पर्यटन, नागरिक उड्डयन, स्पोर्ट्स और टेक्सटाइल्स मंत्रालय संभाला है। बाद में साल 2004 से 2009 तक उन्होंने दिल्ली के महासचिव पद पर और सेवा दल सेल में कार्यरत रहे है।
गहलोत ने साइंस और लॉ में ग्रैजुएट गहलोत अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री ली है। अपनी पढाई पूरी होने के बाद सीधा राजनीति में कूद पड़े।गहलोत समाजसेवा करने लगे।पूर्वी बंगाल शरणार्थी संकट के वक्त उन्होंने काफी लोगों की मदद की थी।संयोजवश उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से इनका सामना हुआ और वह गहलोत को कांग्रेस में ले आईं। राजनीति में गहलोत कर्तव्यनिष्ठा से तो सभी बखूबी वाकिफ हैं।