राजस्थान के सीएम पद के लिए प्रियंका गांधी की वजह से लगी अशोक गहलोत के नाम पर अंतिम मुहर?
By विकास कुमार | Published: December 15, 2018 03:29 PM2018-12-15T15:29:57+5:302018-12-15T15:29:57+5:30
प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ राजस्थान में जमीन घोटाले को लेकर भाजपा की सरकार ने कई मामले दर्ज करवाए थे। वाड्रा का नाम जमीन घोटाले में अशोक गहलोत के ही शासनकाल में आया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इसीलिए प्रियंका चाहती थीं कि अशोक गहलोत ही प्रदेश के मुख्यमंत्री बने क्योंकि उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी है।
राजस्थान में कांग्रेस को बहुमत प्राप्त होने के बाद कांग्रेस आलाकमान के सामने मुख्यमंत्री चुनने को लेकर संकट खड़ा हो गया था। सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ अड़ गए थे तो वहीं अशोक गहलोत शांत भाव से ही लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपना दावा नहीं छोड़ना चाहते थे। युवा बनाम अनुभवी के जंग में अशोक गहलोत बाजी मार ले गए। और तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी उनके पास आ गई। सचिन पायलट की मजबूत दावेदारी के सामने अशोक गहलोत का चुनाव होना कोई आम संकेत नहीं थे।
कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग एक मात्र औपचारिकता भर थी। मीडिया के सामने कांग्रेस के लोकतान्त्रिक प्रक्रिया का प्रदर्शन करने के लिए बुलाया गया था। अंतिम फैसला तो आलाकमान को ही लेना था। विधायक दल की मीटिंग के बाद ये बोला गया कि विधायकों ने अपना फैसला कर लिया है और अपने पसंद से आलाकमान को अवगत करा दिया है। लेकिन जब नाम का फैसला हो ही गया था तो इसकी जानकारी मीडिया को क्यों नहीं दी गई। पार्टी के अन्दर से भी इस बात का खुलासा नहीं हुआ कि किसके नाम पर विधायकों के बीच सहमती बनी थी।
मीडिया में ऐसी भी ख़बरें आने लगी कि राहुल गांधी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच धर्मसंकट में फंस गए हैं और इसलिए उन्होंने सीएम का नाम तय करने के लिए प्रियंका गांधी की मदद लेने की सोची। सचिन पायलट और अशोक गहलोत जब दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने पहुंचे तो वहां प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। और मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पहली पसंद अशोक गहलोत थे, जबकि राहुल गांधी लोकसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत को दिल्ली में ही रखना चाहते थे।
प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ राजस्थान में जमीन घोटाले को लेकर भाजपा की सरकार ने कई मामले दर्ज करवाए थे। वाड्रा का नाम जमीन घोटाले में अशोक गहलोत के ही शासनकाल में आया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इसीलिए प्रियंका चाहती थी कि अशोक गहलोत ही प्रदेश के मुख्यमंत्री बने क्योंकि उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी है। रॉबर्ट वाड्रा पर बीकानेर में किसानों से जमीन हड़पने का आरोप लगा है। लेकिन सरकार में रहने के बावजूद भी भाजपा की सरकार वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं पायी।
अशोक गहलोत को प्रियंका गांधी की पहली पसंद बताया जा रहा है। सचिन पायलट को अपने कदम पीछे खिचने पड़े और उप-मुख्यमंत्री पद की कुर्सी से संतुष्ट होना पड़ा। इसका खीझ उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में निकाला भी। अब देखना ये होगा कि रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दर्ज मामलों को क्या रफा-दफा कर दिया जायेगा। इस अनुमान के मुताबिक अशोक गहलोत को जयपुर की कुर्सी मिलने के पीछे प्रियंका गांधी का हांथ उनके अनुभव से ज्यादा रहा।