राजस्थान सरकार ने पाठ्यक्रम से 'नोटबंदी' को हटाया, पहले बताया गया था 'ऐतिहासिक' फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 15, 2019 12:37 PM2019-05-15T12:37:31+5:302019-05-15T12:37:31+5:30
राजस्थान की 12वीं की कक्षा में पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा 2017 में नोटबंदी को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था। इस पाठ्यक्रम में केंद्र की एनडीए सरकार के नोटबंदी को 'ऐतिहासिक' और 'ब्लैकमनी पर कड़ा प्रहार' बताया था।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने हाल में संशोधित राज्य की स्कूल की किताबों से नोटबंदी का जिक्र हटा दिया है। यह संशोधित किताबें इस सत्र से पूरे राज्य में लागू होंगी। राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने यह बात कही।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार डोटासरा ने कहा, नोटबंदी सबसे असफल प्रयोग रहा। प्रधानमंत्री ने इसे लेकर जो तीन लक्ष्य (आतंकवाद का खात्मा, भष्ट्राचार समाप्त करना और काले धन की वापसी) बताये थे, उनमें से कोई भी हासिल नहीं हो सका और लोगों को जबरन कतार में खड़ा रहना पड़ा। साथ ही राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा इससे देश पर 10,000 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ा।
राजस्थान की 12वीं की कक्षा में पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा 2017 में नोटबंदी को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था। इस पाठ्यक्रम में केंद्र की एनडीए सरकार के नोटबंदी को 'ऐतिहासिक' और 'ब्लैकमनी पर कड़ा प्रहार' बताया था।
डोटासरा ने यह भी बताया कि अंग्रेजी की कक्षा-8 में लगी जौहर करती हुई महिला की तस्वीर को भी हटाया गया है। डोटासरा ने कहा, 'ऐसा महसूस किया गया कि अंग्रेजी की किताब में इस तस्वीर की कोई जरूरत नहीं थी। हमें यह भी लगा कि यह ठीक नहीं है कि हम आज की लड़कियों को ऐसे पाठ्यक्रम पढ़ाएं जिसमें महिलाओं के आत्मदाह का जिक्र है। हम ऐसा कर क्या पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।'
राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने इससे पहले यह भी कहा था कि वह पाठ्यक्रम में वीर सावरकर का 'गुणगान' किये जाने की समीक्षा करेंगे। बता दें बीजेपी राजस्थान सरकार के पाठ्यक्रमों की समीक्षा और उसे संशोधित किये जाने का विरोध कर रही है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस उन हिस्सों को पाठ्यक्रम से हटा रही है जो 'हिंदुत्व' से जुड़े हैं।