Locust Attack: टिड्डियों के खात्मे के लिए राजस्थान में पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल, जयपुर सहित 21 जिले प्रभावित

By निखिल वर्मा | Published: May 28, 2020 10:33 AM2020-05-28T10:33:22+5:302020-05-28T10:33:22+5:30

एक टिड्डी दल में 60 लाख से एक करोड़ के बीच टिड्डियां हो सकती हैं, ये जिस पेड़ या खेत में बैठ जाती हैं उसे नष्ट कर देती हैं। यह पिछले 26 साल में टिड्डी दल का सबसे बुरा हमला है।

Rajasthan deploys drone to control locust attack in Jaipur district | Locust Attack: टिड्डियों के खात्मे के लिए राजस्थान में पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल, जयपुर सहित 21 जिले प्रभावित

टिड्डियों को भगाने के लिए कीटनाशकों का गहन छिड़काव किया जा रहा है (लोकमत फाइल फोटो)

Highlightsपिछले वर्ष राजस्थान में टिड्डियों के हमले से 12 जिलों में फसले बुरी तरह खराब हो गई थी, 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. मौजूदा हमला पिछले महीने शुरू हुआ जब पाकिस्तानी की तरफ से टिड्डी दल राजस्थान आया और अन्य पश्चिमी राज्यों में फैल गया।

कोरोना महामारी संकट के बीच टिड्डी हमला झेल रहे राजस्थान ने टिड्डियों के खात्मे के लिए ड्रोन (Drone) का इस्तेमाल किया है। राजस्थान के कृषि विभाग ने जयपुर जिले में टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक के छिड़काव के लिये एक ड्रोन की मदद ली है। जयपुर जिले के चोमू के पास सामोद में ड्रोन का उपयोग किया गया। 

कृषि विभाग के आयुक्त ओमप्रकाश ने को बताया, ‘‘हमने किराये पर लिए गए ड्रोन का उपयोग करना शुरू किया है और आने वाले कुछ दिनों की आवश्यकतानुसार और ड्रोन इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।’ राजस्थान के कृषि विभाग के अनुसार 21 जिलों में टिड्डों के प्रकोप को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि आयुक्त ने बताया कि ड्रोन से 1 घंटे में 10 एकड़ क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है। इसके लिए राज्य सरकार 30 ड्रोन किराए पर ले रही है।

खरीफ फसलों पर खतरा

इससे पहले टिड्डी दल का प्रकोप राजस्थान और गुजरात तक था। लेकिन टिड्डों को पर्याप्त भोजन नहीं मिलने की वजह से वे जोरदार हवाओं की मदद से दूसरे इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र के अनुसार टिड्डी दलों ने करीब 40 हजार हेक्टेयर जमीन पर हमला किया है। लेकिन गेहूं, दलहन और तिलहन जैसी रबी की फसलों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है क्योंकि इनमें से अधिकतर की अब तक कटाई हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘अब पूरा ध्यान जून-जुलाई में मानसून आने से पहले प्रकोप रोकने पर है जब टिड्डियों में प्रजनन हो सकता है। अगर इसे नहीं रोका जा सका तो खरीफ की फसलों को खतरा हो सकता है।’ 

उत्तर प्रदेश के 10 जिले हाई अलर्ट पर

उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में आफत का सबब बने टिड्डी दल के प्रकोप के मद्देनजर राज्य के 10 जिलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।  एक टिड्डी दल राजस्थान के करौली जिले के सारमथुरा से होते हुए मध्यप्रदेश के मुरैना की तरफ बढ़ा है, जिसके वर्तमान हवा की दिशा के अनुसार मध्यप्रदेश के कैलारस पहुंचने की संभावना है। इस दल से उत्तर प्रदेश के झांसी, ललितपुर, जालौन और औरैया को अलर्ट किया गया है। साथ ही इनसे लगे हमीरपुर, कन्नौज, इटावा और कानपुर देहात तथा आसपास के कुछ अन्य जिलों को भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। 

फसलों को भारी नुकसान की आशंका

 केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह हमला बहुत गलत समय पर हुआ है जब देश पहले ही एक महामारी से जूझ रहा है। पर्यावरण मंत्रालय में महानिरीक्षक (वन्यजीव) सौमित्र दासगुप्ता ने कहा कि यह रेगिस्तानी टिड्डी है जिसने बड़ी संख्या में भारत में हमला बोला है और इसके हमले से फसलों को नुकसान हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इसमें बड़े टिड्डे हैं, मुख्य रूप से ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के हैं जिनमें उड़ने की अधिक क्षमता है और बड़े झुंडों में चलते हैं जिससे फसलों को बड़ा नुकसान होता है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, इस समय राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में टिड्डी दलों का प्रकोप है। सबसे बुरी तरह राजस्थान प्रभावित हुआ है।

Web Title: Rajasthan deploys drone to control locust attack in Jaipur district

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