राजस्थानः इस्तीफे जैसे बैक फुट पर नहीं, संभावनाओं के फ्रंट फुट पर नजरें हैं कांग्रेसी नेताओं की?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: June 29, 2019 06:45 PM2019-06-29T18:45:33+5:302019-06-29T18:45:33+5:30

राजस्थान के कांग्रेसी नेता अपने पदों से इस्तीफा देने के बजाय राहुल गांधी से ही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वे भी अपना इस्तीफा वापस ले लें और लोकसभा चुनाव की हार को भुलाकर आगे आने वाले विधानसभा, राज्यसभा चुनाव, स्थानीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव आदि पर फोकस करें.

Rajasthan: Congress leaders eyes on the front foot of the prospects, not on back foot of resignation | राजस्थानः इस्तीफे जैसे बैक फुट पर नहीं, संभावनाओं के फ्रंट फुट पर नजरें हैं कांग्रेसी नेताओं की?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की नाराजगी के चलते देशभर से इस्तीफे दिए जा रहे हैं, लेकिन राजस्थान में ऐसा कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है. इसके उलट, कांग्रेसी नेताओं की नजरें इस्तीफे जैसे बैक फुट पर नहीं, संभावनाओं के फ्रंट फुट पर हैं. प्रदेश के कांग्रेसी नेता मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ-साथ स्थानीय निकायों के चुनाव, पंचायत चुनाव आदि से अपनी खोई सियासी जमीन फिर से हासिल करने पर फोकस हो रहे हैं, क्योंकि सत्ता रही तो सियासी समीकरण में सुधार भी संभव हो पाएगा.

राजस्थान के कांग्रेसी नेता अपने पदों से इस्तीफा देने के बजाय राहुल गांधी से ही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वे भी अपना इस्तीफा वापस ले लें और लोकसभा चुनाव की हार को भुलाकर आगे आने वाले विधानसभा, राज्यसभा चुनाव, स्थानीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव आदि पर फोकस करें.

यह भी कहा जा रहा है कि इस हार के लिए जिम्मेदार न तो राष्ट्रीय नेतृत्व और न ही प्रादेशिक नेतृत्व जिम्मेदार है, इसके लिए बीजेपी के राजनीतिक प्रबंधन से बदला हुआ राजनीतिक माहौल जिम्मेदार रहा है. नेता और जनता तो वही है जिसने विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी ने नकार दिया था. इस बार जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है, लेकिन लोकसभा चुनाव की जीत बीजेपी की स्थाई जीत नहीं है, इसलिए इस्तीफों के बजाय हार के कारण तलाश कर सुधार प्रक्रिया अपनाते हुए आगे की तैयारी करनी चाहिए. 

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले ही युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों से मुलाकात के दौरान राहुल गांधी का यह दर्द सामने आया था कि इतनी बड़ी हार के बाद भी किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी आदि को अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं है. उनके इस्तीफे देने के एक महीने बाद भी किसी ने अपना इस्तीफा नहीं दिया है. इसके बाद जिम्मेदार पदों पर बैठे कांग्रेस के कई नेताओं ने इस्तीफे दिए मगर राजस्थान में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह वक्त इस्तीफे देने का नहीं है बल्कि हार के कारणों पर ध्यान देते हुए नए सिरे से भविष्य की रणनीति बनाने का है, वरना आगे और भी सियासी नुकसान हो सकता है!

Web Title: Rajasthan: Congress leaders eyes on the front foot of the prospects, not on back foot of resignation

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