राजस्थानः अपनी ही पार्टी की सरकार पर निकाय प्रमुखों के चुनाव संबंधी फैसले को लेकर सचिन पायलट ने खड़े किए सवाल
By भाषा | Published: October 19, 2019 05:58 AM2019-10-19T05:58:59+5:302019-10-19T05:58:59+5:30
राजस्थान के दो अन्य मंत्रियों ने भी अपने अलग-अलग बयानों में कहा है कि इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष पैदा होगा लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कदम का बचाव करते हुए दावा किया कि सभी की भावना सुशासन देने वाली है और पूरी सरकार उसी में जुटी है।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने स्थानीय निकायों में बिना वार्ड पार्षद बने निकाय प्रमुख बनाये जाने के स्वायत्त शासन विभाग के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह अच्छा निर्णय नहीं है। उन्होंने इस निर्णय से असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर न तो मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की गई और न ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में।
राजस्थान के दो अन्य मंत्रियों ने भी अपने अलग-अलग बयानों में कहा है कि इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष पैदा होगा लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कदम का बचाव करते हुए दावा किया कि सभी की भावना सुशासन देने वाली है और पूरी सरकार उसी में जुटी है।
झुंझुनूं में संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि हम लोगों ने पहले सीधा चुनाव करने की बात कही थी, उस निर्णय को हमने बदल कर कहा कि दोबारा अप्रत्यक्ष चुनाव हों वहां तक तो ठीक था, लेकिन जो नया निर्णय शहरी विकास मंत्रालय का आया है, मुझे लगता है कि वह निर्णय मंत्रालय ने लिया है और इसकी चर्चा न तो मंत्रिमंडल में हुई है और न ही विधायक दल की बैठक में हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह अच्छा फैसला नहीं है और मैं इससे सहमत नहीं हूं। निर्णय व्यावहारिक नहीं है और राजनीतिक रूप से अच्छा नहीं है। इस निर्णय में बदलाव करने की आवश्यकता है।’’ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी अलग-अलग बयानों में नए फैसले को लेकर अपनी आशंका व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी हो सकती है।
परिवहन मंत्री खाचरियावास ने कहा था कि यह क्षेत्र में काम करने और पार्षद चुनाव जीतने वालों के साथ अन्याय होगा। जब मुख्यमंत्री से दो मंत्रियों की आशंकाओं के बारे में पूछा गया तो मुख्यमंत्री गहलोत ने इस कदम का बचाव किया। गहलोत ने कहा कि हर व्यक्ति की भावना एक ही है और वह है अच्छा सुशासन देने की।
गहलोत ने झुंझुनूं में संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल, सभी विधायक और पूरी सरकार इसमें शामिल है। स्थानीय निकायों के चुनावों के बाद पंचायती राज के चुनाव आ रहे है, हम लोग चुनाव लडेंगे और चुनावों में जीतेंगे। झुंझुनूं की मंडावा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रीटा चौधरी के समर्थन में आयाजित जनसभा को संबोंधित करने के लिये पायलट और गहलोत दोनों साथ साथ मौजूद थे और दोनों ने अलग-अलग संवाददाताओं से बातचीत की।
उल्लेखनीय है कि स्वायत्त शासन विभाग ने बुधवार रात इस बारे में अधिसूचना जारी कर ‘राजस्थान नगरपालिका (निर्वाचन) (चतुर्थ संशोधन) नियम 2019’ के अनुसार नगरपालिका संस्था के सिर्फ निर्वाचित सदस्य/पार्षद ही अध्यक्ष/सभापति/महापौर पद के लिए मतदान करके अपने अध्यक्ष/सभापति/महापौर को निर्वाचित कर सकेंगे। अधिसूचना के अनुसार स्थानीय निकायों में महापौर, सभापति और अध्यक्ष बनने के लिए अब पार्षद होना अनिवार्य नहीं है। किसी निकाय में पार्षद बनने की योग्यता रखने वाला व्यक्ति सम्बद्ध निकाय के प्रमुख पद के लिए दावेदारी कर सकता है।