राजस्थानः सीएम गहलोत का मोदी सरकार पर बड़ा हमला- हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो खुलकर कहें!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 12, 2019 05:13 PM2019-12-12T17:13:35+5:302019-12-12T17:13:35+5:30
सीएम गहलोत का यह भी कहना है कि आज लोकतंत्र खतरे में है तो सबसे बड़े राजनीतिक दल के नाते कांग्रेस का ये फर्ज बनता है, सरकार देश में हमारी नहीं है, तब भी ये फर्ज बनता है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी सरकार पर बड़ा सियासी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि- हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो खुलकर कहें, पता पड़े इनकी मंशा क्या है? सीएम गहलोत का कहना है कि- पूरे देश में बहुत आक्रोश है. मोदीजी, अमित शाहजी स्टेटमेंट देकर मीडिया के माध्यम से इसे दबाना चाहते हैं, उनको चिंता नहीं है. उन्होंने सवाल किया- क्या नॉर्थ-ईस्ट का भाग हमारा हिस्सा नहीं है? ये चाहते क्या हैं, देश को बताएं? हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो खुलकर कहें, पता पड़े इनकी मंशा क्या है?
सीएम गहलोत का यह भी कहना है कि आज लोकतंत्र खतरे में है तो सबसे बड़े राजनीतिक दल के नाते कांग्रेस का ये फर्ज बनता है, सरकार देश में हमारी नहीं है, तब भी ये फर्ज बनता है. देशवासियों को आगाह करें कि आज देश किस दिशा में जा रहा है, लोकतंत्र बचाएं, जिससे गरीब-से-गरीब आदमी की आवाज का वजन बना रहे, जो आज तक बना रहा है.
इससे पहले, अपना गलत तरीके से जिक्र करने के विरोध में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाबी हमला करते हुए कहा था कि- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में उनका संदर्भ देकर देश को गुमराह किया है.
याद रहे, शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम को लिखे एक पत्र का जिक्र किया था, जो उन्होंने राज्य में हिन्दू और सिख शरणार्थियों के लिए रियायत को लेकर लिखा था.
सीएम गहलोत का कहना था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के गृहमंत्री राज्यसभा में मेरा संदर्भ देकर देश को गुमराह कर रहे हैं. हमने तो पाकिस्तान से सीमावर्ती राजस्थान आए शरणार्थियों की बरसों से जो मांग थी, चाहे वो हिन्दू थे या सिख थे, उसे लेकर पहल की. उनका कहना था कि हमने उस वक्त में भारत के तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम को पत्र लिखा. अगर हिंदू और सिख के अलावा और कोई भी होते तो उनके लिए भी हम यही रिकमेंड करते.
यही नहीं उन्होंने अपने 1971 के कार्यों का जिक्र करते हुए उनका कहना था कि- इंदिरा गांधी के वक्त में, 1971 में, मैं खुद बंगाल बॉर्डर पर रहा था. उस समय भी जो शरणार्थी आए थे, चाहे जिस भी धर्म के लोग थे, सभी की हमने सेवा की, शरणार्थी चाहे यहां के हों या वहां के हों, हमारे यही भाव हमेशा रहे हैं.
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लगातार केन्द्र सरकार के निर्णय का समर्थन कर रहीं हैं, उनका कहना है कि सदन का यह निर्णय उन सभी प्रवासी परिवारों के लिए खुशियों की एक नई सुबह लेकर आया है, जो सिर्फ अपने धर्म की वजह से धार्मिक कट्टरता वाले देशों में कई प्रकार की अमानवीय प्रताड़नाओं का शिकार होते थे. खुशी है कि अब आपके जीवन से कष्टों के बादल छंटने लगे हैं.
इतना ही नहीं, वे मुस्लिमों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहती हैं कि- राजनीति से प्रेरित कुछ लोग अभी भी मुस्लिम भाइयों को भ्रमित कर रहे हैं लेकिन जैसा कि गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- यह सरकार सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास वाली सरकार है, इसलिए किसी को भी डरने व भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है!