मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले-एनआईए के मानद विश्वविद्यालय बनने से होंगे बेहतर शोध कार्य

By धीरेंद्र जैन | Published: November 13, 2020 08:57 PM2020-11-13T20:57:57+5:302020-11-13T21:00:06+5:30

जयपुर को मानद विश्वविद्यालय के रूप में और जामनगर (गुजरात) के आयुर्वेद शिक्षण एवं शोध संस्थान को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में राष्ट्र को समर्पित करने के कार्यक्रम के दौरान वीसी के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे।

Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot research work done NIA becoming honorary university | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले-एनआईए के मानद विश्वविद्यालय बनने से होंगे बेहतर शोध कार्य

प्रदेश में 10 आयुर्वेद, 10 होम्योपैथी, 3 यूनानी तथा 7 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय इससे संबद्ध हैं।

Highlightsजरूरत के हिसाब से सिलेबस तैयार कर सकेगा और बेहतर शोध कार्य होंगे जिसका लाभ आयुर्वेद के विकास में मिलेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि 175 साल पहले इस संस्थान की शुरुआत 1845 में बाईजी के मंदिर, जयपुर में हुई थी।प्रतिष्ठित संस्थान को आज डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है, इसके लिए मैं केन्द्र सरकार का धन्यवाद देता हूँ।

जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के प्रतिष्ठित जयपुर स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) को मानद विश्वविद्यालय (डीम्ड यूनिवर्सिटी) का दर्जा मिलने से अब संस्थान अपनी जरूरत के हिसाब से सिलेबस तैयार कर सकेगा और बेहतर शोध कार्य होंगे जिसका लाभ आयुर्वेद के विकास में मिलेगा।

आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी की जयंती पर शुक्रवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर को मानद विश्वविद्यालय के रूप में और जामनगर (गुजरात) के आयुर्वेद शिक्षण एवं शोध संस्थान को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में राष्ट्र को समर्पित करने के कार्यक्रम के दौरान वीसी के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 175 साल पहले इस संस्थान की शुरुआत 1845 में बाईजी के मंदिर, जयपुर में हुई थी। 1946 में इसे राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय बनाया गया था। 1976 में भारत सरकार ने इस संस्थान को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का दर्जा दिया। इस प्रतिष्ठित संस्थान को आज डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है, इसके लिए मैं केन्द्र सरकार का धन्यवाद देता हूँ।

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने 2003 में जोधपुर में सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्ण आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना की। यह गुजरात के जामनगर आयुर्वेद विश्वविद्यालय के बाद देश का दूसरा आयुर्वेद विश्वविद्यालय है। प्रदेश में 10 आयुर्वेद, 10 होम्योपैथी, 3 यूनानी तथा 7 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय इससे संबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग जड़ी बूटियां मिलती है। इन जड़ी बूटियों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2002 में स्टेट मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड का गठन किया। वर्ष 2004 में अजमेर में आयुर्वेद औषधि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई।

2010 में होम्योपैथिक चिकित्सा को बढावा देने के लिए अलग से होम्योपैथिक निदेशालय तथा यूनानी को बढावा देने यूनानी निदेशालय स्थापित किया गया। 2013 में देश में पहली बार राजस्थान आयुर्वेद नर्सिंग परिषद का गठन किया गया ताकि आयुर्वेद नर्सिंग सेवा को विधिक मान्यता दी जा सके।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय आयुष मंत्रालय को ड्रग एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट-1940 में संशोधन कर आयुर्वेद स्टोर संचालन में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता लागू करने, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा परिषद् को वैधानिक दर्जा देने के लिए केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा परिषद् का गठन करने और केन्द्रीय आयुष नर्सिंग परिषद् की स्थापना करने के संबंध में सुझाव दिए।

उन्होंने राजस्थान को राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत विशेष दर्जा देने की मांग भी रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद में नाडी विज्ञान का काफी महत्व है। ऐसे में इसका अधिक से अधिक प्रसार किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सा केन्द्रों को वैलनेस सेंटर्स के रूप में स्थापित किये जाने पर जोर दिया ताकि आवश्यक आयुर्वेदिक दिनचर्या, ऋतुचर्या, वनौषधि संरक्षण आदि के बारे में आमजन को परामर्श मिल सके।

Web Title: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot research work done NIA becoming honorary university

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