राजस्थानः दो-तीन दिन में हो सकता है कैबिनेट विस्तार, 'एक आदमी, एक पद' के फॉर्मूले पर चर्चा, कांग्रेस आलाकमान ने दी हरी झंडी
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 18, 2021 04:35 PM2021-11-18T16:35:31+5:302021-11-18T18:37:37+5:30
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया को बताया कि दो दिन बाद यह विस्तार जल्द ही होगा। सचिन पायलट दिल्ली मेंं कई नेताओं से मिले थे।
जयपुरः राजस्थान कैबिनेट का विस्तार आने वाले दो-तीन दिनों में होने की संभावना है। कांग्रेस आलाकमान ने आखिरकार अपनी हरी झंडी दे दी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रिमंडल में फेरबदल का स्पष्ट संकेत देते हुए मंगलवार को कहा था कि राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल जल्द ही किया जाएगा।
सचिवालय कर्मचारी संघ की नवगठित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, “मंत्रिमंडल पुनर्गठन जल्द होगा।” गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों नई दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे थे।
सोनिया गांधी से मुलाकात
मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। गहलोत ने राहुल गांधी के आवास पर प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात की थी, जहां पार्टी महासचिव अजय माकन और केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे।
कैबिनेट में नियुक्तियों पर विचार करते हुए 'एक आदमी, एक पद' के फॉर्मूले को अपनाने जैसे विभिन्न तौर-तरीकों पर चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें लंबे समय से चल रही हैं। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में फैसला पार्टी आलाकमान करेगा।
मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 21 सदस्य
इस समय मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 21 सदस्य हैं। राज्य में विधायकों की संख्या 200 है, उस हिसाब से मंत्रिमंडल में अधिकतम 30 सदस्य हो सकती है। सचिन पायलट ने भी हाल ही में प्रियंका और राहुल गांधी से मुलाकात की थी, ताकि उनके भविष्य के साथ-साथ नए मंत्रिमंडल में उनके कुछ वफादारों को भी शामिल किया जाए।
फेरबदल का बहुत महत्व है, क्योंकि पायलट गुट यह उम्मीद कर रहा था कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व डिप्टी सीएम को सीएम बनाया जाएगा। पायलट ने पिछले साल जुलाई में गहलोत के खिलाफ एक खुला विद्रोह किया था, जिसके बाद उन्हें डिप्टी सीएम और पंचायती राज मंत्री के पद से हटा दिया गया था।
पायलट के वफादार विश्वेंद्र सिंह, जो पर्यटन मंत्री थे और तत्कालीन खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा को भी हटा दिया गया था। पायलट गुट के कम से कम चार विधायकों को गहलोत के नेतृत्व वाली कैबिनेट शामिल किए जाने की संभावना है।