राजस्थान मंत्रिमंडल विस्तार: 11 विधायकों ने कैबिनेट और 4 ने राज्यमंत्री के रूप में ली शपथ, 30 मंत्रियों से चलेगी अशोक गहलोत सरकार
By अनिल शर्मा | Published: November 21, 2021 05:18 PM2021-11-21T17:18:41+5:302021-11-21T17:21:54+5:30
राज्य की कांग्रेस सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है और मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है जिसे पार्टी आलाकमान द्वारा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के साथ साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
जयपुर। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 15 विधायकों ने रविवार को मंत्री पद की शपथ ली और राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने इन विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें से 11 विधायकों ने कैबिनेट व चार विधायकों ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही राज्य के अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित फेरबदल पूरा हो गया।
राज्य की कांग्रेस सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है और मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है जिसे पार्टी आलाकमान द्वारा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के साथ साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
राज्यपाल मिश्र ने विधायक हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल व शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई। वहीं, जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा व मुरारीलाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई।
Jaipur: Congress MLAs Mahendrajeet Singh Malviya, Ramlal Jat, Mahesh Joshi, and Vishvendra Singh sworn in as Cabinet ministers in Rajasthan Govt by Governor Kalraj Mishra pic.twitter.com/BHCOLCNaZ7
— ANI (@ANI) November 21, 2021
उल्लेखनीय है कि नये मंत्रियों में ममता भूपेश, भजनलाल जाटव व टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। इस सूची में हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे का माना जाता है। इसके अलावा पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाए जाने के समय पायलट के साथ साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री बनाया गया है।
इस पुनर्गठन में कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को हटाया गया है। इन तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की मंशा से अपने इस्तीफे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिए थे। डोटासरा इस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो डा शर्मा को पार्टी ने हाल ही में गुजरात मामलों का व हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य में 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पुनर्गठन के जरिए क्षेत्रीय व जातीय संतुलन भी साधने की कोशिश की गई है। जिन तीन मंत्रियों को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वे अनुसूचित जाति से हैं। नए कैबिनेट मंत्रियों में चार अनुसूचित जाति से, तीन अनुसूचित जनजाति से होंगे।
अब गहलोत कैबिनेट में तीन महिलाएं मंत्री हो गई हैं। कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे किसी निर्दलीय विधायक को पुनर्गठन के तहत मंत्री पद नहीं दिया गया है। गहलोत मंत्रिमंडल में इन नए मंत्रियों के आने से अधिकतम 30 मंत्रियों का कोटा पूरा हो गया। सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 विधायकों को संसदीय सचिव व सात को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया जाएगा।