विधानसभा चुनाव 2018: राजस्थान में पहली बार VVPAT और M-3 EVM मशीनों से कराए जाएंगे चुनाव

By रामदीप मिश्रा | Published: June 23, 2018 05:11 AM2018-06-23T05:11:32+5:302018-06-23T05:11:32+5:30

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने कहा कि प्रदेश में पहली बार 52 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।

rajasthan assembly election 2018 VVPAT and M-3 EVM machines will use for voting | विधानसभा चुनाव 2018: राजस्थान में पहली बार VVPAT और M-3 EVM मशीनों से कराए जाएंगे चुनाव

विधानसभा चुनाव 2018: राजस्थान में पहली बार VVPAT और M-3 EVM मशीनों से कराए जाएंगे चुनाव

जयपुर, 23 जून: मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने कहा कि राजस्थान में पहली बार वीवीपैट और ईवीएम एम-3 मशीनों के जरिए मतदान करवाया जाएगा। नई तकनीक से मतदान सुगम, सहज होने के साथ और अधिक पारदर्शी व निष्पक्षता के साथ सम्पन्न कराया जा सकेगा। भगत शुक्रवार को शासन सचिवालय परिसर में आयोजित ईवीएम और वीवीपैट की प्रथम स्तरीय जांच के संबंध में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार 52 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में निर्वाचन से जुड़े सभी अधिकारी प्रशिक्षण के बाद बेहतर परिणाम दे पाएंगे। राज्य में होने वाले चुनाव के लिए आयोग से 2 लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीनें मंगवाई जा रही हैं। 

कार्यशाला में हाल ही कर्नाटक में चुनाव सम्पन्न कराकर आए उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचन आयोग के मास्टर ट्रेनर राघवेंद्र ने एम-3 ईवीएम और वीवीपैट के बारे में सभी अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अपने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए मशीनों के रखरखाव से लेकर मोकपॉल, डेटा अपडेट, सिंबल लोडिंग, रियल टाइम क्लॉक, रैंडमाइजेशन यहां तक कि मशीन की तकनीकी जानकारियों से भी रूबरू करवाया। उन्होंने कहा कि अधिकारी एफएलसी के दौरान राजनैतिक दलों की मौजूदगी सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की शंका पैदा ना होने पाए। 

इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग से आए मधुसूदन गुप्ता ने सभी अधिकारियों को आश्वस्त किया कि ईवीएम मशीनें किसी भी नेटवर्क या वायरलैस उपकरणों से जुड़ी नहीं होती, इसलिए इनमें हेराफेरी या हैकिंग किसी भी तरह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकारी राजनैतिक दलों और आमजन में और अधिक जागरुकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार करें ताकि लोकतंत्र के इस उत्सव के प्रति किसी के मन में कोई शंका ना रहे। 


कार्यशाला में राज्य के सभी कलेक्टरों ने अलग-अलग समूह बनाकर इंजीनियरों, विशेषज्ञों और भारत निर्वाचन आयोग के उच्चाधिकारियों से एफएलसी से जुड़ी बारीक से बारीक जानकारियों को समझा। इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी कलेक्टरों को 'एफएलसी में कोई शंका नहीं' संबंधित प्रमाण पत्र भी जारी किए गए। 

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