राजस्थान चुनावः दक्षिण राजस्थान में BJP ने ही तैयार कर दी अपने लिए चुनौती?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 17, 2018 07:48 AM2018-11-17T07:48:17+5:302018-11-17T07:48:17+5:30

बांसवाड़ा से कांग्रेस ने पूर्व विधायक अर्जुन बामनिया को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने मंत्री धनसिंह रावत का टिकट काट दिया है जिससे यह चुनाव भाजपा के उम्मीदवार के लिए कड़ी परीक्षा है।

rajasthan assembly election 2018: bjp strategy for polls failed in south rajasthan | राजस्थान चुनावः दक्षिण राजस्थान में BJP ने ही तैयार कर दी अपने लिए चुनौती?

राजस्थान चुनावः दक्षिण राजस्थान में BJP ने ही तैयार कर दी अपने लिए चुनौती?

चुनावी टिकट वितरण के बाद जो सियासी तस्वीर उभरी है उसे देखकर लगता है कि भाजपा ने ही दक्षिण राजस्थान में अपने लिए चुनौती तैयार कर दी है। उदयपुर से गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया तो अपने ही लोगों के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष विरोध का सामना कर ही रहे हैं। 

यहां से कांग्रेस ने प्रमुख कांग्रेस नेता डॉ गिरिजा व्यास को टिकट दे कर कटारिया के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। कटारिया को भीतर और बाहर, दोनों ओर मोर्चा लेना है, लिहाजा उनके लिए बड़ा प्रश्नचिन्ह है?

उधर, वागड़ के दो जिले- डूंगरपुर और बांसवाड़ा में भाजपा के भीतर बगावत के स्वर बुलंद हैं। इन दोनों जिलों से पिछले विस चुनाव में भाजपा ने नौ में से आठ सीटें जीती थी, परन्तु इस बार दो मंत्रियों सहित चार एमएलए के टिकट भाजपा ने काट दिए हैं जिसके कारण सारी सियासी समीकरण गड़बड़ा गई है। इन पांच वर्षों में ये भाजपा के जाने-पहचाने चेहरे बन गए थे। जहां पूर्व मंत्री धनसिंह रावत के समर्थक टिकट कटने से बेहद नाराज हैं, वहीं सागवाड़ा में एमएलए अनिता कटारा ने भाजपा से बगावत करके चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया तो पिछली बार ही भाजपा लहर के बावजूद करीब पन्द्रह हजार वोटों से चुनाव जीते थे, तो सागवाड़ा और डूंगरपुर विस क्षेत्र से भाजपा मामुली वोटों के अंतर से जीत पाई थी।

डूंगरपुर नगर परिषद के सभापति भाजपा नेता केके गुप्ता ने तो पूरे प्रदेश में बेहतर काम करके दिखाया था, इसलिए वहां भाजपा की स्थिति पिछले चुनाव के मुकाबले अच्छी मानी जा रही थी, लेकिन वहां पूर्व एमएलए देवेन्द्र कटारा को बदल दिया गया है, लिहाजा वहां भी जीत बरकरार रखने के लिए भाजपा को ज्यादा जोर लगाना पड़ेगा।

बांसवाड़ा से कांग्रेस ने पूर्व विधायक अर्जुन बामनिया को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने मंत्री धनसिंह रावत का टिकट काट दिया है जिससे यह चुनाव भाजपा के उम्मीदवार के लिए कड़ी परीक्षा है।

ऐसे ही भाजपा के पूर्व मंत्री जीतमल खांट का भी गढ़ी से टिकट काट दिया है, वहां से कांग्रेस ने कांता भील को टिकट दिया है। सागवाड़ा से भाजपा ने एमएलए अनिता कटारा का टिकट काट कर नए उम्मीदवार- शंकरलाल को उतारा है, नतीजे में यहां से कांग्रेस के सुरेन्द्र बामनिया के लिए राहत है। यहां से अनिता कटारा भी चुनाव लड़ रही हैं और माना जा रहा है कि वे इस क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रहेंगी।

घाटोल विस क्षेत्र से भाजपा के वरिष्ठ एमएलए नवनीत लाल निनामा के बजाय नए चेहरे- हरेन्द्र निनामा को भाजपा ने उतारा है, यहां से कांग्रेस के नानालाल निनामा चुनावी मैदान में हैं।

दक्षिण राजस्थान की करीब ढाई दर्जन सीटें प्रदेश की सत्ता की समीकरण में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और पिछली बार विस चुनाव में इनमें से ज्यादातर सीटें भाजपा जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन इस बार भाजपा के लिए इन सीटों को बचाना कड़ी चुनौती है।

English summary :
Rajasthan Vidhan Sabha Chunav 2018: Seeing the political picture that has emerged after Rajasthan assembly elections ticket distribution, it seems that the BJP itself has prepared a challenging situation for itself in South Rajasthan. Home Minister Gulab Chand Kataria from Udaipur is facing opposition from his own people.


Web Title: rajasthan assembly election 2018: bjp strategy for polls failed in south rajasthan

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