राजस्थानः मंदी की आहट के बीच सीएम गहलोत ने केन्द्र सरकार पर साधा निशाना!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 24, 2019 05:51 AM2019-08-24T05:51:25+5:302019-08-24T05:51:25+5:30
सीएम गहलोत ने राहुल गांधी के ट्वीट को भी रिट्वीट किया जिसमें कहा गया है कि- सरकार के स्वयं के आर्थिक सलाहकारों ने आखिरकार स्वीकार किया कि हमने लंबे समय तक क्या सावधानी बरती है.
मंदी और बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रियंका गांधी तो लगातार आक्रामक हैं ही, अब सीएम अशोक गहलोत ने भी इन मुद्दों पर पीएम मोदी सरकार पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था में संकट की स्थिति, जैसा कि वाइस चेयरमैन, नीति आयोग के बयान में परिलक्षित हो रही है, पूरे देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है. लगभग सभी क्षेत्रों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लाखों लोग रोजगार खो रहे हैं.
उन्होंने ट्वीट किया- आम जनता तनाव में हैं और वह सरकार से जवाब चाहती है कि एनडीए सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और मंदी के इस दौर से बाहर निकालने के लिए क्या कदम उठाएगी?
सीएम गहलोत ने राहुल गांधी के ट्वीट को भी रिट्वीट किया जिसमें कहा गया है कि- सरकार के स्वयं के आर्थिक सलाहकारों ने आखिरकार स्वीकार किया कि हमने लंबे समय तक क्या सावधानी बरती है. भारत की अर्थव्यवस्था एक गहरे संकट में है. अब, हमारे समाधान को स्वीकार करें और जरूरतमंदों के हाथों में पैसा वापस करके अर्थव्यवस्था को फिर से सही करें.
उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी, केन्द्र सरकार से लगातार सवाल पूछ रहीं हैं कि भाजपा सरकार को अब देश को साफ-साफ बताना चाहिए कि अर्थव्यवस्था की दुर्दशा ऐसी क्यों हो रही है?
व्यापार टूट रहा है, उद्योग डगमगा रहे हैं, रुपया कमजोर होता जा रहा है, नौकरियां खत्म हो रही हैं. इससे हो रहे नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
उन्होंने कुछ विज्ञापनों का हवाला दे कर भी केन्द्र सरकार को मंदी और रोजगार के मोर्चे पर घेरा है. ये विज्ञापन अर्थव्यवस्था के बारे में भाजपा सरकार के दावों की असलियत की पोल खोल रहे हैं. अभी तक औद्योगिक संस्थाएं विज्ञापन देती थीं कि हम आगे बढ़ रहे हैं. भाजपा सरकार के शासन में कइयों को विज्ञापन देकर कहना पड़ रहा है कि हम डूब रहे हैं, हमें बचाओ. बाकी आप समझ सकते हैं!
याद रहे, लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के रोजगार के मुद्दे पर बीजेपी का राष्ट्रवाद भारी पड़ा था, लेकिन लंबे समय तक रोजगार के मुद्दे को दबाए रखना केन्द्र सरकार के लिए आसान नहीं होगा. इसका असर तत्काल केन्द्र सरकार पर तो नहीं होगा, परन्तु विभिन्न प्रदेशों के विधानसभा, नगरपालिका, पंचायत राज आदि के चुनावों पर नजर आ सकता है.