राजस्थानः कृषि मंत्री कटारिया ने अधिकारियों को दिए निर्देश, कहा-लापरवाही बरतने पर होगी सख्त कार्रवाई
By रामदीप मिश्रा | Published: January 7, 2019 04:58 PM2019-01-07T16:58:30+5:302019-01-07T16:58:30+5:30
मंत्री कटारिया सोमवार को पंत कृषि भवन में कृषि और सम्बद्ध विभागों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विभागीय योजनाओं में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर, नाराजगी जाहिर की और कार्य को समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए।
राजस्थान के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने सोमवार (7 जनवरी) कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वे विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में कोताही नहीं बरतें। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री कटारिया सोमवार को पंत कृषि भवन में कृषि और सम्बद्ध विभागों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विभागीय योजनाओं में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर, नाराजगी जाहिर की और कार्य को समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जन घोषणा पत्र के कृषि और सम्बद्ध विभागों से सम्बंधित सभी बिन्दुओं पर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। कटारिया ने कहा कि इसे समयबद्ध लागू करना सरकार की प्राथमिकता है।
मंत्री कटारिया ने प्रदेश में यूरिया उपलब्धता की जानकारी ली और भविष्य मंर यूरिया के माकूल इंतजाम करने के निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अक्टूबर, 2018 में 1 लाख 93 हजार मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध था।
अक्टूबर से दिसम्बर, 2018 के बीच 7 लाख 64 हजार मैट्रिक टन यूरिया आना था, लेकिन इस अवधि में 7 लाख 46 हजार मैट्रिक टन यूरिया ही आया। अक्टूबर महीने में इफको द्वारा 80 मैट्रिक टन कम यूरिया आपूर्ति किया गया, राज्य सरकार के प्रयासों से इफको द्वारा दिसम्बर में आपूर्ति पूरी की गई।
जनवरी महीने में 2 लाख 50 हजार मैट्रिक टन यूरिया की मांग के विरूद्ध भारत सरकार द्वारा 2 लाख 80 हजार मैट्रिक टन यूरिया आवंटित किया गया है। इस आवंटित यूरिया में से अब तक 61 हजार मैट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो चुका और 6 रैक ट्रांजिट में हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि अभी प्रदेश में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है।
कृषि मंत्री ने विभाग में रिक्त पड़े कृषि अधिकारी, सहायक कृषि अधिकारी और कृषि पर्यवेक्षकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित कस्टम हायरिंग सेंटर योजना का नाम बदलकर कृषि यंत्र किराया केन्द्र रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं का नाम ऎसा हो, जिसे आम लोग समझ सकें और उसका लाभ ले सकें।
मंत्री कटारिया ने किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान पर किसानों को दिए जाने वाले पौध संरक्षण यंत्रों को ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित करने के निर्देश दिए। इससे किसानों को प्रक्रियागत होने वाली समस्या से निजात मिलेगी और अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि पी.के. गोयल ने कहा कि कृषि विभाग की प्राथमिकता फसलों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाकर किसानों की आय को बढ़ाना है। उन्होंने कृषि विभाग के योजना प्रभारियों को वित्तीय वर्ष समाप्ति से पूर्व बजट को सही खर्च करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं का किसान अधिक से अधिक लाभ उठा सकें, इसके लिए उनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। गोयल ने आगामी सीजन हेतु अभी से कार्ययोजना बनाकर अग्रिम भण्डारण करने के निर्देश दिए।