राजस्थानः अशोक गहलोत सरकार का बड़ा फैसला कि नए उद्यमियों को तीन साल तक नहीं लेनी होगी कोई स्वीकृति!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: June 13, 2019 05:12 AM2019-06-13T05:12:56+5:302019-06-13T05:12:56+5:30

लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार का कामकाज फिर से पटरी पर आ रहा है.

Rajasthan: A big decision by the Ashok Gehlot government that new entrepreneurs will not have to accept any three years! | राजस्थानः अशोक गहलोत सरकार का बड़ा फैसला कि नए उद्यमियों को तीन साल तक नहीं लेनी होगी कोई स्वीकृति!

राजस्थानः अशोक गहलोत सरकार का बड़ा फैसला कि नए उद्यमियों को तीन साल तक नहीं लेनी होगी कोई स्वीकृति!

लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार का कामकाज फिर से पटरी पर आ रहा है. वादा करो, तो काम भी करके दिखाओ की नीति के तहत अब प्रदेश सरकार ने युवा उद्यमियों के लिए नया निर्णय लिया है जिसके तहत नए उद्यमियों को अब तीन साल तक किसी भी तरह की स्वीकृति नहीं लेनी होगी. 

सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार राजस्थान में औद्योगिक निवेश के अनुकूल माहौल तैयार करेगी. केवल छह माह में ही ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिनसे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और राजस्थान इन्वेस्टर फ्रेण्डली स्टेट बनेगा. मार्च माह में लाया गया सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एण्ड ऑपरेशन) अध्यादेश, 2019 तथा आज शुरू किया गया एमएसएमई वेब पोर्टल इसी दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं.

सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में एमएसएमई वेबपोर्टल- www.rajudyogmitra.rajasthan.gov.in  के शुभारम्भ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि- इस पहल से प्रदेश के युवाओं की चिंता दूर होगी और रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध होंगे. 

सीएम गहलोत का कहना है कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए ऐसा ऐतिहासिक अध्यादेश लागू किया है. अब राज्य में उद्यम लगाने के लिए  एमएसएमई उद्यमियों को तीन साल तक किसी प्रकार की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी. इस वेबपोर्टल पर स्वघोषणा प्रपत्र भरकर ही उद्यमी अपना एमएसएमई उद्यम स्थापित कर सकेंगे. उन्हें किसी भी सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पडे़ंगे. उन्हें हर तरह के सरकारी हस्तक्षेप से मुक्ति मिलेगी और वे निश्चिंत होकर अपना कारोबार कर सकेंगे. आने वाले विधानसभा सत्र में ही इस अध्यादेश को बिल बनाकर एक्ट का रूप दिया जाएगा. 

यही नहीं, सीएम गहलोत का कहना है कि एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए भी प्रदेश में 10 हैक्टेयर तक कृषि भूमि का लैण्ड यूज चेंज करने की आवश्यकता नहीं है. सरकार जल्द ही नई उद्योग नीति लाएगी. नेशनल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की तर्ज पर ही प्रदेश में भी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल बनाई जाएगी तथा सिंगल विण्डो सिस्टम को भी प्रभावी बनाया जाएगा. राजस्थान इण्डस्ट्रियल प्रमोशन स्कीम (रिप्स) को भी हम और अधिक इन्वेस्टर फ्रेण्डली बनाएंगे. 

इस मौके पर उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि- इस अध्यादेश से प्रदेश में उद्योगों की स्थापना को गति मिलेगी. निवेश के अनुकूल माहौल बनेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. 
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार उद्यमी एक निर्धारित प्रारूप में इलेक्ट्रॉनिक अथवा भौतिक रूप से- उद्यम स्थापना करने का आशय नोडल एजेन्सी को प्रस्तुत करेगा और नोडल एजेन्सी द्वारा प्राप्ति का प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा, जिसके साथ ही उन्हें तीन वर्ष तक विभिन्न विभागों की स्वीकृति एवं निरीक्षणों से छूट मिल जाएगी, हालांकि उन्हें प्रदेश में पहले से प्रभावी सभी कानूनों के अनुरूप चलना होगा. उद्यम शुरू होने के बाद तीन वर्ष का समय पूरा होने पर उद्यमों को अगले 6 माह में आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त करनी होंगी. 

उल्लेखनीय है कि इस अध्यादेश में नये एमएसएमई उद्यमों को राज्य सरकार के अधिनियमों से सम्बन्धित स्वीकृतियों से मुक्ति तो दी ही गई है, साथ ही भारत सरकार के भी जिन अधिनियमों में राज्य सरकार को छूट प्रदान करने की शक्ति मिली हुई है, उनमें भी छूट का प्रावधान किया गया है.

Web Title: Rajasthan: A big decision by the Ashok Gehlot government that new entrepreneurs will not have to accept any three years!

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