राजस्थान: बजट लीक के आरोपों पर अशोक गहलोत ने दी सफाई, वसुंधरा राजे बोलीं- समझ लीजिए कितने सुरक्षित हाथों में है राज्य
By विनीत कुमार | Published: February 10, 2023 01:04 PM2023-02-10T13:04:04+5:302023-02-10T13:10:46+5:30
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुराने बजट भाषण की लाइनें पढ़ने के विपक्ष के आरोपों पर सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। राजस्थान में इसी साल चुनाव है और ये गहलोत सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट है।
जयपुर: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण के दौरान जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, विपक्षी दल भाजपा ने गहलोत पर पुराना बजट भाषण पढ़ने का आरोप लगाया। विपक्ष ने साथ ही आरोप लगाया कि बजट तकनीकी रूप से लीक हो गया है।
बीजेपी के आरोपों के अनुसार राज्य सरकार के अधिकारी आननफानन में बजट कॉपी लाने गए। मुख्यमंत्री के अलावा किसी और को बजट की कॉपी सदन में नहीं लाना चाहिए। विपक्ष के आरोपों के अनुसार लेकिन इस मामले में बजट कॉपी चार-पांच हाथों में गई। ऐसे में मुख्यमंत्री को नया बजट लेकर आना चाहिए।
बजट भाषण शुरू होने के बाद विपक्ष का हंगामा
गहलोत ने 2023-24 का बजट सदन पटल पर रखा और भूमिका बांधने के बाद जैसे ही बजट घोषणाएं पढ़नीं शुरू की विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिछले बजट की पंक्तियां पढ़ रहे हैं।
गहलोत ने 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) संबंधी घोषणाएं कीं जो पहले ही की जा चुकी हैं। दोनों घोषणाएं बजट 2022-23 की पहले ही की जा चुकी हैं। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया में तीखी नोकझोंक भी हुई।
अशोक गहलोत ने आरोपों पर दिया जवाब
हंगामे के बीच अशोक गहलोत ने बजट लीक के आरोपों पर कहा, आप तब आरोप लगा सकते हैं जब मेरे हाथ में मौजूद बजट कॉपी और सदस्यों को दिए कॉपी में कोई अंतर हो। अगर मेरे बजट कॉपी में कोई पन्ना गलती से जुड़ गया है तो बजट लीक की बात कैसे हो सकती है।
वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत पर साधा निशाना
दूसरी ओर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा, 'सीएम आठ मिनट तक पुराना बजट पढ़ते रहे। जब मैं सीएम थी तो बजट पेश करने से पहले बार-बार चेक करती थी और पढ़ती थी। आप कल्पना कर सकते हैं कि पुराने बजट को पढ़ने वाले मुख्यमंत्री के हाथों में राज्य कितना सुरक्षित है।'