दिल्लीः अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने संबंधी विधेयक संसद से पारित, 40 लाख लोगों को मिला संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 4, 2019 06:33 PM2019-12-04T18:33:54+5:302019-12-04T18:51:36+5:30

दिल्ली की 1731 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने वाले इस विधेयक को लोकसभा पिछले सप्ताह मंजूरी दे चुकी है। राज्यसभा से इसे मंजूरी मिलने के बाद इन कालोनियों में रहने वाले लगभग 40 लाख से अधिक लोगों को संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार मिल गया।

Raj Sabha passed Recognition of Property Rights of Residents in Unauthorised Colonies Bill, 2019 today | दिल्लीः अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने संबंधी विधेयक संसद से पारित, 40 लाख लोगों को मिला संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार

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Highlightsदिल्ली की 1731 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के लिए सरकार द्वारा पेश विधेयक को बुधवार को संसद से मंजूरी मिल गयी। लोकसभा इस विधेयक को पिछले सप्ताह पारित कर चुकी है।

दिल्ली की 1731 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के लिए सरकार द्वारा पेश विधेयक को बुधवार को संसद से मंजूरी मिल गयी। इन कालोनियों में रहने वाले लगभग नौ लाख परिवारों को संपत्ति का मालिकाना हक देने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलोनी निवासी सम्पत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक 2019 को राज्यसभा ने बुधवार को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पिछले सप्ताह पारित कर चुकी है।

विधेयक पर उच्च सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुये आवासन एवं शहरी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इसके कानून बनने पर दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार मिलने पर ये कालोनियां स्वत: नियमित हो जायेंगी।

पुरी ने स्पष्ट किया कि इन कालोनियों में संपत्ति के स्वामित्व के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर महिला या उसके पति अथवा परिवार के अन्य पुरुष सदस्य के नाम से संयुक्त रूप से संपत्ति का पंजीकरण किया जायेगा। अधिकतर विपक्षी दलों ने सरकार पर राजनीतिक लाभ के मकसद से यह विधेयक लाये जाने का आरोप लगाया किंतु इसके प्रावधानों का समर्थन किया।


राज्यसभा से इसे मंजूरी मिलने के बाद इन कालोनियों में रहने वाले लगभग 40 लाख से अधिक लोगों को संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार मिल गया। इसके साथ ही स्थानीय निवासी इन कालोनियों में वैध तरीके से संपत्ति खरीद बेच सकेंगे।

प्रस्तावित विधेयक में हालांकि वन विभाग, पुरातत्व विभाग और यमुना के बहाव क्षेत्र में बसीं अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के लिए शमिल नहीं किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि पर बने फार्म हाउस वाली कालोनियां भी इस विधेयक से फिलहाल बाहर हैं। पुरी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इन कालोनियों के बारे में तकनीकी पहलुओं को दुरुस्त कर बाद में फैसला किया जाएगा।

कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने कहा कि यह विधेयक जल्दबाजी में लाया गया है और कई पहलुओं को इसमें स्पष्ट नहीं किया गया है। शैलजा ने जानना चाहा कि वर्तमान अनधिकृत कालोनियों को नियमित किए जाने के बाद, बेहतर अवसरों की तलाश में दूसरे राज्यों से दिल्ली आने वालों को कहां बसाया जाएगा? उन्होंने पूछा ‘‘लोग तो आते रहेंगे। लेकिन इनके रहने के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी? इसकी योजना अभी से बनानी होगी और क्या सरकार ने इस बारे में कुछ सोचा है?’’ 

उन्होंने कहा कि यह सच है कि पिछली जनगणना में 1.6 करोड़ की आबादी रखने वाली दिल्ली की जनसंख्या 2021 तक लगभग दो करोड़ हो जाएगी और आवास एक अहम मुद्दा होगा। विधेयक पर चर्चा में शैलजा ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में सबसे गरीब लोग रहते हैं और अर्थाभाव की वजह से ये लोग स्लम माफिया के चंगुल में फंस जाते हैं। ‘‘इस माफिया को तोड़ना होगा।’’ 

उन्होंने कहा कि सरकार इन अनधिकृत कालोनियों में अत्यंत अमानवीय हालात में रह रहे गरीब लोगों को उनके आवास का स्वामित्व देने की बात करती है लेकिन यह भी सोचना होगा कि असली हकदार कौन है । ‘‘हमें स्लम माफिया को नहीं भूलना चाहिए।’’ 

Web Title: Raj Sabha passed Recognition of Property Rights of Residents in Unauthorised Colonies Bill, 2019 today

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